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बीआरओ जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, दी गयी श्रद्धांजलि

रजनीकांत अरूणाचल प्रदेश में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 23 बटालियन में सिपाही के पद पर तैनात थे.

कजरा. स्थानीय थाना क्षेत्र के शिवडीह गांव निवासी वकील मंडल के पुत्र रजनीकांत अरूणाचल प्रदेश में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 23 बटालियन में सिपाही के पद पर तैनात थे. जिनकी तबीयत बीते मंगलवार को ड्यूटी के दौरान बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान मंगलवार को ही संध्या चिकित्सक ने हृदयघात बताते हुए उन्हें मृत घोषित कर दिया. जवान को उनके यूनिट में गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया गया. जिसके बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव कजरा थाना क्षेत्र के शिवडीह गांव भेजा गया.

शनिवार को देर रात पैतृक गांव पहुंचा रजनीकांत का पार्थिव शरीर

मंगलवार को ही रजनीकांत की मौत हो जाने के बाद अरुणाचल प्रदेश से सटे बांग्लादेश में चल रही हिंसा व खराब मौसम होने के कारण पार्थिव शरीर पहुंचने में चार दिन लगा. शनिवार की संध्या जब पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पहुंचा तो काफी तेज बारिश होने के कारण पटना से गांव पहुंचने में देर रात हो गयी.

पार्थिव शरीर पहुंचते ही शिवडीह गांव के चौराहे पर ही इकट्ठा हो गया पूरा गांव, दी श्रद्धांजलि

शहीद रजनीकांत का पार्थिव शरीर जैसे ही पैतृक गांव शिवडीह पहुंचा वैसे ही देर रात होने के बाद भी गांव के लोग एक-एक कर पार्थिव शरीर को देखने के लिए पहुंचने लगे. वहीं रविवार की अहले सुबह पूरा गांव इकट्ठा हो गया. सभी ने नम आंखों से रजनीकांत को श्रद्धांजलि दी.

परिजनों ने दी श्रद्धांजलि

पत्नी रत्नप्रिया, बेटी रिमक्षिम बेटा शिवम व पुतुल, पिता वकील मंडल, मां, भाई, बहन के अलावे परिजनों के द्वारा पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गयी.

बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ लखीसराय व कजरा थाना ने दिया गार्ड ऑफ ऑर्नर

रजनीकांत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव शिवडीह पहुंचा. जहां उनको बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ लखीसराय व कजरा थाना के द्वारा गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया गया. इस गार्ड ऑफ ऑर्नर में बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ लखीसराय की ओर से सूबेदार महेंद्र प्रसाद मंडल, हवलदार शिशुपाल, मंगल कोड़ा, लाल शास्त्री, शंभु शरण, सत्यप्रकाश के अलावे कजरा थाना की ओर से कजरा थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन व उनके साथ आये जवान व सूर्यगढ़ा सीओ स्वतंत्र कुमार द्वारा पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया.

परिजनों का रो-रो कर था बुरा हाल

रजनीकांत की मौत की खबर सुन परिजन तो सदमे में थे ही, वहीं उनके पार्थिव शरीर पैतृक गांव शिवडीह पहुंचते ही पत्नी रत्नप्रिया ताबूत के पास बैठ कर दहाड़ मारकर रोने लगी. वहीं बेटी रिमक्षिम ताबूत को पकड़ कर रो रही थी. बेटा शिवम व पुतुल अपने दादी के साथ ताबूत के पास ही खड़ा था बच्चे छोटे होने के कारण पिता के चले जाने का गम थोड़ा कम था. माता-पिता, भाई, बहन के अलावे परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था. पत्नी रत्नप्रिया का ग्रामीण चिकित्सक द्वारा इलाज कराया जा रहा था.

21 साल से थे बीआरओ में कार्यरत

रजनीकांत वर्ष 2003 में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) में भर्ती हुए थे. वे जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा भारत के कई सीमावर्ती क्षेत्र में कार्यरत रहे और वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में कार्यरत थे. जहां हृदयघात से उनकी मौत हो गयी.

शहीद जवान रजनीकांत को दी गयी अंतिम विदाई, गौरी शंकर श्मशान में हुआ अंतिम संस्कार

सूर्यगढ़ा. कजरा थाना क्षेत्र के शिवडीह गांव के रहने वाले बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के 40 वर्षीय जवान रजनीकांत को रविवार की सुबह सूर्यगढ़ा नगर परिषद क्षेत्र के गौरी शंकर श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया. जवान रजनीकांत की छह अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान हृदयाघात से मौत हो गयी थी. शनिवार की देर रात सेना के विशेष वाहन से शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव शिवडीह लाया गया था.

गौरी शंकर श्मशान में दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

रविवार की सुबह गौरी शंकर श्मशान में कजरा थाना की पुलिस एवं लखीसराय एक्स आर्मी टीम द्वारा शहीद जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. गौरी शंकर श्मशान में शहीद जवान का अंतिम संस्कार किया गया. उनके 12 वर्षीय पुत्र अमन कुमार ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान शहीद रजनीकांत अमर रहे के नारे से इलाका गुंजायमन होता रहा.

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