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सिसई व बिशुनपुर सीट पर उम्मीदवार देने की मांग

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी से मिले गुमला जिले के दर्जनों नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम सौंपा ज्ञापन

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी से मिले गुमला जिले के दर्जनों नेता, राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम सौंपा ज्ञापन गुमला. गुमला जिला कांग्रेस कमेटी समेत प्रदेश के कई नेता रविवार को रांची में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर से मुलाकात की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा. मौके पर कांग्रेसियों ने जिले के सिसई व बिशुनपुर विस में कांग्रेस उम्मीदवार देने की मांग की. ज्ञापन में कहा गया है कि लोहरदगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत गुमला जिले के सिसई व बिशुनपुर शामिल है. 1957 में लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र एक पृथक जनजाति क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आया. 1962 के बाद यह क्षेत्र भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गढ़ के रूप में उभर कर सामने आया. इसके अंतर्गत पड़ने वाले तब के सभी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा कायम रहा. गुमला जिले से इस लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले सिसई व बिशुनपुर पिछले कई वर्षों तक कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. यहां से निर्वाचित विधायक न केवल तत्कालीन बिहार सरकार के मंत्री बल्कि राष्ट्रीय जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष तक बनाये गये हैं. कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुखदेव भगत ने लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में अब तक के सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की. इतना ही नहीं गुमला जिले में पड़ने वाले सिसई व बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी सिसई में 25994 व बिशुनपुर में 14819 मतों से विजयी रहे. 2024 के लोकसभा चुनाव में मांडर व लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र का भी योगदान रहा है. परंतु गुमला जिले के चुनाव परिणामों ने यह सिद्ध कर दिया है कि गुमला कांग्रेस का मजबूत किला है. इस विजय में न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि कांग्रेस के आम कार्यकर्ता में अद्भुत आत्मविश्वास व उत्साह का संचार हुआ है. 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम ने यह भी विश्वास जता दिया है कि इन दोनों विधानसभा क्षेत्र में पार्टी संगठन काफी मजबूत है व कांग्रेस पार्टी यह दर्शाने में सफल रही है कि कांग्रेस आमजनों की पार्टी है. काफी लोग पार्टी से उत्साह से स्वतः जुड़ने लगे हैं. जेएमएम के साथ सीटों की समझौता के तहत वर्तमान में गुमला जिले के तीनों सीट जेएमएम के पास है. किंतु अब परिस्थिति बिल्कुल बदल चुकी है और अब कांग्रेस पार्टी सहयोगी गठबंधन दल के तुलना में कहीं काफी मजबूत स्थिति में है. पार्टी विरोधियों के नकारात्मक क्रिया कलापों के बावजूद भी जनसमर्थन के कारण व कांग्रेस पार्टी की नीतियों के कारण चुनाव परिणाम कांग्रेस पार्टी के पक्ष में ऐतिहासिक रहा. लोकसभा चुनाव के कुछ माह पूर्व इस संदर्भ में संगठन में नकारात्मक परिस्थिति की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष को लिखित रूप में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा दी गयी थी. परंतु प्रदेश नेतृत्व द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी, जिससे कार्यकर्ता विक्षुब्ध हैं. सहयोगी दल जेएमएम द्वारा भी सिसई व बिशुनपुर विस सीट में कोई सहयोग नहीं दिया गया. जेएमएम के एक विधायक द्वारा लोकसभा चुनाव भी लड़ा गया. इसका सहयोग सिसई विधानसभा के जेएमएम कार्यकर्ताओं ने किया. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अनुरोध किया कि इस तमाम बिंदुओं पर गहन विचार कर आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी संगठन व हित में उचित निर्णय लेते हुए इन क्षेत्रों से कांग्रेस पार्टी हर हाल में स्वयं चुनाव लड़ना चाहिए. गुमला जिले के तमाम कांग्रेस जन राष्ट्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व में पुरजोर मांग करती है कि दोनों विधानसभा में कांग्रेस अपना उम्मीदवार दें. ज्ञापन में पूर्व विधायक बैरागी उरांव, दीपनारायण उरांव, अकील रहमान, प्रभय कुमार चौधरी, गंगा उरांव, रमेश कुमार चीनी, मुरली मनोहर प्रसाद समेत अन्य के नाम अंकित हैं.

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