Darbhanga News : विद्यालयों के विकास के लिए प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. पूर्व के सभी ठेकेदारों की सूची तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गयी है. अब अधिकांश कार्य समग्र शिक्षा एवं बिहार सरकार के पैसे से जिला स्तर पर निर्धारित होंगे. डीएम या डीडीसी की अध्यक्षता में जिला स्तर पर कमेटी गठित की जायेगी. इसके सदस्य सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा सदस्य प्रारंभिक एवं समग्र शिक्षा अभियान के डीपीओ तथा बिहार शिक्षा परियोजना के जिला स्तरीय कार्यालय में पदस्थापित सहायक अभियंता अथवा कार्यपालक अभियंता सदस्य होंगे. इस कमेटी के द्वारा इ-शिक्षा कोष पर अपलोडेड प्राथमिकता के आधार पर कार्य किए जायेंगे. प्राथमिकता सूची में क्रम से कार्य होंगे. इसके अनुसार शौचालयों की मरम्मत एवं सुविधा, पेयजल की सुविधा, रसोई घर का निर्माण, विद्युतीकरण, बेंच-डेस्क की सुविधा, बृहद मरम्मति या जीर्णोद्धार, अतिरिक्त वर्गकक्ष, कार्यालय एवं प्रयोगशाला के उपयोग की सामग्री, नया विद्यालय भवन एवं चारदीवारी का निर्माण किया जा सकेगा.
इस आशय का आदेश शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने जारी किया है. उन्होंने डीएम से अगस्त महीने में जिला स्तरीय कमेटी की बैठक आयोजित कर प्राथमिक तय करने को कहा है, ताकि सितंबर महीने से कार्य शुरू किया जा सके. शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर योजनाओं के चयन एवं प्राथमिकता का निर्धारण के लिए अगस्त महीने में ही बैठक सुनिश्चित करने को कहा है. खर्च करने की सीमा के आधार पर कार्य की प्रक्रिया निर्धारित की गई है. पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार 50 हजार रुपए तक का खर्च विद्यालय प्रधान अथवा प्राचार्य कर पाएंगे. वही 50 लाख तक का खर्च जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी के निर्णय के अनुसार स्थानीय क्षेत्र के इंजीनियरिंग संगठन अथवा भवन निर्माण विभाग अथवा कोई अन्य एजेंसी के माध्यम से कराया जा सकेगा.
इसी प्रकार इससे ऊपर की राशि का कार्य बिहार राज्य शैक्षिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, पटना के द्वारा कराया जा सकेगा. अब सभी सरकारी स्कूलों का रंग बदल जायेगा. प्रारंभिक विद्यालयों का बाहरी रंग गुलाबी एवं बॉर्डर मेहरून रंग का होगा. भवन के अंदर में सफेद रंग होंगे. वहीं उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का बाहरी भाग का रंग ग्रे एवं बॉर्डर में नीला रंग होगा जबकि वर्ग कक्षा के अंदर का रंग सफेद होगा. प्रत्येक तीन वर्ष पर विद्यालयों का रंग-रोगन कराया जाएगा. विभाग ने बिहार सरकार एवं समग्र शिक्षा की राशि खर्च करने की प्रक्रिया में भी बदलाव कर दिया है. इसके अनुसार बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के अंतर्गत राज्य स्तरीय अभियंत्रण कोषांग एवं जिला स्तरीय नियंत्रण कोषांग के माध्यम से समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत राशि खर्च की जाती है.
वहीं राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास लिमिटेड में गठित अभियंत्रण कोषांग के द्वारा मूलत: राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है. पूर्व में दोनों को एकत्रित कर दिया गया था, किंतु अब संशोधित आदेश से अलग-अलग इनके द्वारा नए सिस्टम से कार्य होगा, लेकिन जिला स्तरीय समिति द्वारा योजनाओं के चयन एवं प्राथमिकता का निर्धारण के उपरांत अलग-अलग प्रशासनिक स्वीकृत की आवश्यकता नहीं होगी. समिति का अनुमोदन प्रशासनिक स्वीकृति माना जायेगा. योजनाओं के चयन एवं प्राथमिकता निर्धारण के उपरांत जिला स्तर पर राज्य निधि से असैनिक कार्य का क्रियान्वयन किया जायेगा.
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