महागामा के संत माइकल एंग्लो इंडियन स्कूल में गोस्वामी तुलसीदास जयंती रविवार को धूमधाम से मनायी गयी. बतौर मुख्य अतिथि डॉ. जेसी राज द्वारा तुलसी दास की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी. इस अवसर पर अपने संबोधन में संत माइकल एंग्लो विद्यालय के चेयरमैन डॉ. जेसी राज ने गोस्वामी ने तुलसी की रचनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तुलसीदास महान कवि के साथ-साथ राम भक्त थे. रामचरित मानस में उन्होंने भगवान राम के चरित्र का जिस तरह से वर्णन किया है, वह प्रशंसनीय है. गोस्वामी तुलसी दास की कृतियां समाज का मार्गदर्शन करती हैं. डॉ. जे.सी.राज ने उपस्थित बच्चों को आधुनिक जीवन शैली, आज के विद्यालय और गुरुकुल परंपरा के बारे में समझाया. उन्होंने कहा कि किस प्रकार गुरु विश्वामित्र ने गुरुकुल में राम लक्ष्मण शिक्षा प्रदान किया. विपरीत परिस्थितियों में रहकर भी दोनों भाइयों ने गुरु आज्ञा से समाज के लिए खतरनाक बन चुके राक्षसों का विनाश किया. गोस्वामी तुलसी दास एक राम सेवक के रूप में जाने जाते हैं. प्रभु राम के लिए हुलसी पुत्र तुलसीदास ने अपनी पत्नी की आज्ञा से अपना संपूर्ण जीवन राम के चरणों में समर्पित कर दिया था. संत माइकल एंग्लो इंडियन स्कूल के प्राचार्य बीजू के ने बताया कि संत तुलसीदास ने रामचरित मानस जैसा महान ग्रंथ लिखा. वह हिंदी साहित्य के चमकते हुए सूर्य थे. रामायण में तुलसीदास जी ने कई प्रसंग लिखे हैं. जिसमें उन्होंने मां कैकई का बहुत ही सुंदर वर्णन लिखा है. कहा कि कैकई भगवान राम की सबसे प्रिय मां थीं. इस दौरान उन्होंने तुलसी भरोसे राम के निर्भय होके सोये, अनहोनी होनी नहीं होनी हो सो होये. चौपाई सुनाकर संत तुलसीदास जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से जानकारी दी.
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