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भातकुंडा : बाबुईशोल सड़क की दशा बदहाल

पूर्व बर्दवान जिले के आउग्राम में तीन वर्ष से टूटी है पुलिया, सुध लेने वाला कोई नहीं

पानागढ़. पूर्व बर्दवान जिले के आउसग्राम दो ब्लॉक के देवशाला ग्राम पंचायत अधीन भातकुंडा और बाबुईशोल के मध्य मौजूद करीब तीन किलोमीटर पक्की सड़क की जर्जर अवस्था को लेकर जहां स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों से होकर गुजरना पड़ है वहीं इस सड़क के मध्य मौजूद एक पुलिया के तीन वर्षों से टूटे रहने पर जान जोखिम में डालकर 10 गांवों के लोग आवागमन करने को मजबूर हैं.

इस दिशा में कई बार स्थानीय गांव के लोगों ने ब्लॉक प्रशासन और पंचायत को जानकारी दी है लेकिन इस दिशा में कोई कदम अबतक नही उठाया गया है. पुलिया के ढह जाने से उक्त इलाके के 10 गांवों के लोगों को मुश्किलों का सामना प्रतिदिन करना पड़ रहा है. इस पुलिया के ढह जाने से लगभग 10 गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है. स्कूली छात्र-छात्राओं समेत ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. ढही पुलिया से यात्रा करना जोखिम भरा है. ग्रामीणों द्वारा सड़क और पुलिया के काम की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गये हैं.

भातकुंडा-बाबुइशोल करीब तीन किलोमीटर लंबी सड़क पर जर्जर हो चुकी है. बरसात के समय ग्रामीणों को और भी भारी दिक्कतों से होकर गुजरना पड़ रहा है. दोनों गांव के मध्य करीब तीन किलोमीटर की दूरी है. इस बीच बाबूइशोल, रामहरिपुर, गौशाईबांध समेत 10 गांवों भाया भातकुंडा से देबशाला जाने का एकमात्र रास्ता है. इन गांवों के बच्चे भातकुंडा हाइस्कूल में पढ़ते हैं. सड़क बदहाल है, पुलिया भी धराशाई हो गयी है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस क्षेत्र में ज्यादातर आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. भातकुंडा बाजार, अस्पताल और दैनिक कार्य के लिए आना-जाना पड़ता है. पुलिया टूटने से गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है. खराब सड़क के कारण गड्ढों में गिरकर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कुछ साल पहले ही सड़क की मरम्मत की गयी थी.

लोगों का कहना है की सड़क को घटिया सामग्री से बनाया गया था. इस वर्ष बरसात के कारण सड़क जर्जर हो गयी है. पानी के कारण पहले ही पुलिया ध्वस्त हो चुकी है. नयी पुलिया बनाने का अनुरोध किया गया है. सड़क के किनारे लगे शिलापट्ट के अनुसार सड़क को पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में एमजीएनआरइजीएस परियोजना में अपग्रेड किया गया था. साथ ही पुलिया की भी मरम्मत हुई थी.

घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप

आरोप है कि सड़क का निर्माण तृणमूल के एक स्थानीय प्रभावशाली नेता के ठेकेदार ने कराया था. स्थानीय लोगों का प्रश्न है कि सड़क बनाते वक्त सतह की मिट्टी की गुणवत्ता की जांच क्यों नहीं की गयी थी? मामले को लेकर भाजपा विधायक लखन घोरुई का कहना है कि स्थानीय निवासी डर के मारे निर्माण करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ मुंह नहीं खोल पाते है. सुबह विरोध में मुंह खोला तो शाम को उसका गिरोह शासक दल के लोगों को लेकर पहुंच जायेगा. उसके बाद प्रतिवाद करने वाले के घर में तोड़फोड़ कर मारपीट की जायेगी. इसलिए ग्रामीण डरे हुए रहते हैं. बहुत ही घटिया गुणवत्ता का कार्य किया गया है. भ्रष्टाचार हुआ है. विधायक ने कहा कि घटिया कार्य कर सरकारी पैसे की लूट की गयी है. हम उन तृणमूल के ठेकेदार नेताओं के खिलाफ जांच की मांग करते हैं. हालांकि, स्थानीय देबशाला पंचायत के उपप्रधान सोमनाथ चौधरी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उन्हे मामले की जानकारी नहीं है. इसकी जांच की जायेगी. बहुत जल्द पुलिया और सड़क के मरम्मत कार्य को शुरू किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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