बिहपुर भ्रमरपुर के भजन सम्राट और कथावाचक प्रो डाॅ हिमांशु मोहन मिश्र दीपक गुजरात के भावनगर जिला अंतर्गत महुवा गांव पहुंचे. उन्हें मुरारी बापू ने पांच दिवसीय संत समागम में शामिल होने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया है. समागम में देश-विदेश से दो सौ ज्यादा संत शामिल हो रहे हैं. आयोजन स्वयं मुरारी बापू ने किया है. समागम के पहले दिन दीपक ने अपने 15 मिनट के संबोधन में मुरारी बापू का दिल जीत लिया. उन्होंने अपने दादा पंडित भुवनेश्वर मिश्र और पिता प्रो डाॅ मदन मोहन मिश्र को भी याद किया. घर में होने वाले एकादशी अनुष्ठान, श्रीरामचरिमानस गायन व संतों के भजन आदि कार्यक्रम की चर्चा की. उन्होंने मुरारी बापू को प्रो डाॅ मदन मोहन मिश्र रचित मानस अभिषेक व मोहन निरझरिणी पुस्तक भेंट की, जिसका अवलोकन कर मुरारी बापू गदगद हो गये. प्रो बांके बिहारी झा करील की पुस्तक करील कादम्बिनी भी दीपक ने बापू को दिया. उन्होंने अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध संत स्वामी आगमानंद महाराज की व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा की. संबोधन के दौरान उन्होंने तुरंत एक कविता की रचना कर बापू समेत वहां मौजूद सभी संतों को सुनाया, जिसे सुनकर बापू भावविभोर हो गये.
पुत्र को कमाने गुजरात भेजा, कफन में लिपटा शव वापस आया
घर के इकलौते पुत्र को कमाने के लिए गुजरात भेजा था. वहां कफन में लिपटा शव वापस आया. रंगरा प्रखंड के सधुआ गांव के मोहिम अली के पुत्र मंजूर आलम गुजरात के अहमदाबाद में मौत हो गयी. मंजूर अपने बहनोई के साथ मुहर्रम का त्योहार करके गुजराज अहमदाबाद कमाने गया था. वह सरिया का काम करता था. अहमदाबाद में तबीयत उसकी खराब हो गयी. स्थानीय लोग उसे इलाज करवाने अस्पताल लेकर गये. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. मंजूर की मौत की खबर सुनते ही गांव में मातम पसरा है. मां कौसर खातून का रो-रो कर बुरा हाल हैं. पत्नी अंजली खातून का भी रो रो कर बुरा हाल है. बेटी आफिया खातून आशिया खातून है. पिता मोहिम राज मिस्त्री का काम करता है. पुत्र को पहली बार घर से बाहर परदेश कमाने भेजा था. उसने बुखार की शिकायत थी. वह दवाई खा लेता था. बुखार ठीक हो जाता था. तीन दिन बाद अस्पताल में भर्ती किया. अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. शव सोमवार की सुबह एम्बुलेंस से पहुंचने की संभावना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है