शब्दयात्रा की ओर से रविवार को डॉ आरपी पथ स्थित भाजपा नेता निरंजन साहा आवास परिसर में गीतकार गोपाल सिंह नेपाली की जयंती पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. अध्यक्षता करते हुए लघु कथाकार पारस कुंज ने कहा कि 17 अप्रैल 1963 की सुबह, चीनी आक्रमण के खिलाफ अपनी क्रांतिकारी-देशभक्ति कविताओं के माध्यम से समस्त-भारत में घूम-घूमकर सीमा पार लड़ रही हमारी सेना और आमजन को जगाते-जगाते एकचारी से भागलपुर आते समय ट्रेन में नेपाली जी सो गये और उनकी संदेहास्पद स्थिति में उनकी मौत हो गयी. भागलपुर जंक्शन पर पार्थिव शरीर को उतारा गया और अगले दिन 18 अप्रैल को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ बरारी श्मशान घाट पर उनकी अंत्येष्टि हुई. 11 अगस्त 1911 को बेतिया शहर में उनका जन्म हुआ था. कार्यक्रम में विकास झुनझुनवाला, डॉ मीरा झा, रविकुमार जैन, चितरंजन पांडेय, डॉ ओमप्रकाश सामबे, अजीत अंकुश, डॉ जयंत जलद, रविकुमार जैन, सत्येन भास्कर, संजय कुमार, निरंजन मंडल, राहुल कुमार तिवारी, विश्वनाथ ठाकुर, रवि चिराननियां आदि उपस्थित थे.
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