बिहार में बिना मान्यता के संचालित किये जा रहे स्कूलों की पहचान के लिए सोमवार से शिक्षा विभाग राज्य भर में अभियान शुरू कर रहा है. इसकी शुरुआत बक्सर जिले से होगी. यहां ऐसे स्कूलों की जांच के लिए खुद प्राथमिक निदेशक मिथिलेश मिश्र जायेंगे. उल्लेखनीय है कि यह अभियान राज्य के करीब 20 हजार प्राइवेट स्कूलों की पहचान के लिए 12 से 14 अगस्त तक चलाया जायेगा. इस तरह के स्कूलों को चिन्हित कर शिक्षा विभाग इनका विधि सम्मत संचालन सुनिश्चित करायेगा.
करीब 20 हजार स्कूलों की पहचान के लिए अभियान
बिहार के करीब 20 हजार प्राइवेट स्कूलों की पहचान के लिए शिक्षा विभाग 12, 13 और 14 अगस्त तक विशेष अभियान चला रहा है. यह वह स्कूल हैं, जिन्होंने न मान्यता ली है और न ही शिक्षा विभाग को स्कूल संचालित करने की सूचना दी है. इस तरह के स्कूलों को चिह्नित कर शिक्षा विभाग इनका विधि सम्मत संचालन सुनिश्चित करायेगा. इस आशय के आधिकारिक निर्णय की जानकारी प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने पूर्व में ही दी थी.
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किन स्कूलों की हो रही जांच…
आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह वह स्कूल हैं, जो अभी राइट टू एजुकेशन के दायरे में भी नहीं है. दरअसल शिक्षा विभाग को जानकारी मिली है कि राज्य में 20 हजार ऐसे स्कूल हैं जो बिना मान्यता के चल रहे हैं. इसकी आधिकारिक पुष्टि के लिए शिक्षा विभाग ने यह ठोस कदम उठाया है.
सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को मिला निर्देश
इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जरूरी दिशा निर्देश सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी दिये जा चुके हैं. शुक्रवार को हुई इस वर्चुअल मीटिंग में राइट टू एजुकेशन के नामांकन के संदर्भ में जरूरी चर्चा की गयी थी. इस बैठक में राइट टू एजुकेशन के तहत दूसरे चरण के नामांकन शुरू कराने की हिदायत दी गयी थी.
स्कूलों में नामांकन की हो रही मॉनीटरिंग
बता दें कि दूसरे चरण में नामांकन के लिए रैंडमाइजेशन के जरिये बच्चों का चयन हो चुका है. अब स्कूलों को नामांकन लेना है. नामांकन की प्रक्रिया 10 अगस्त से शुरू हो जायेगी. प्राथमिक निदेशक मिश्र ने बताया कि सभी स्कूलों से चयनित बच्चों के अनिवार्य रूप से एडमिशन के लिए कहा गया है. इसकी सतत मॉनीटरिंग भी की जा रही है. विभाग आरटीइ के तहत नामांकन के लिए प्रतिबद्ध है.