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आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुआ बिहार का दीपक, अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़, नम आंखों से दी विदाई

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में बहादुरी और दिलेरी के साथ देश की सेवा करते-करते बिहार के सारण जिले के रहने वाले दीपक शहीद हो गए. सोमवार को उनका शव पैतृक गांव लाया गया. जहां हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी.

Bihar News: आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जवान दीपक कुमार यादव का शव सोमवार की शाम साढ़े चार बजे के करीब जैसे ही उनके पैतृक गांव सारण जिले के बनियापुर प्रखंड के लौवा कला पहुंचा परिवार सहित ग्रामीणों में कोहराम मच गया. शव आने की सूचना मिलते ही जवान के अंतिम दर्शन के लिये उनके गांव में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

जवान के शव को तिरंगे में लपेट कर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी. हवलदार दीपक पैरा कमांडो थे. शनिवार की शाम आतंकवादियों के विरुद्ध चलाये जा रहे सर्च ऑपरेशन में कोकेरनाग वन क्षेत्र में हुई भीषण गोलीबारी में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए उन्होंने अपना प्राण न्योछावर कर दिया.

नाम आंखों से दी गई विदाई

शहीद जवान की अंतिम यात्रा में काफी संख्या में शामिल होकर ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी. शहीद जवान के स्वागत में गांव से 10 किलामीटर पहले ही सैकड़ों की संख्या में पहुंचे युवाओं ने भारत माता की जय और शहीद जवान दीपक कुमार अमर रहे का नारा लगाया और गांव तक अगुआई की.

आधा दर्जन से अधिक सेना के जवान के अलावे एमएलसी सच्चिदानंद राय, मांझी विधायक डॉ सतेंद्र यादव, राजद के जिलाध्यक्ष सुनील राय, राजद प्रवक्ता हरेलाल यादव, अंचलाधिकारी दीनानाथ कुमार, बीडीओ रमेन्द्र कुमार, थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू आदि गणमान्य लोगों ने शहीद जवान को अंतिम सलामी देते हुए पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.

चीख-पुकार से माहौल हुआ गमगीन

शव पहुंचते ही परिजनों के चीत्कार से माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया. घटना को लेकर आसपास के लोग भी काफी मर्माहत दिखे. पिता सुरेश यादव, पत्नी अनिता देवी, आठ वर्षीय पुत्र रोहन कुमार व मां के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. परिजनों ने बताया कि चार-पांच दिन पहले दीपक से मोबाइल पर बात हुई थी. वह काफी खुश था और होली में घर आने की बात कही थी. स्थानीय नरेंद्र राय व अन्य लोगों ने बताया कि दीपक काफी हंसमुख व मिलनसार था.

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शनिवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान लगी गोली

सेना को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के जंगल क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस लगातार इन आतंकियों पर नजर रख रही थी. 9 और 10 अगस्त की रात को ऑपरेशन शुरू किया गया था. 10 अगस्त की रात करीब 2 बजे संदिग्ध गतिविधि देखी गई. इसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई और शनिवार रात सर्च ऑपरेशन के दौरान दीपक कुमार यादव को गोली लग गई. जवान बहादुरी और साहस के साथ देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए. घटना में दीपक के अलावा एक और जवान शहीद हुए.

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