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शिव सरोवर में डूबने से किशोर की मौत

बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने आए एक 16 वर्षीय युवक की शिव सरोवर में डूबने से मौत हो गयी.

ब्रह्मपुर. बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने आए एक 16 वर्षीय युवक की शिव सरोवर में डूबने से मौत हो गयी. घटना रविवार की रात है. सोमवार की शाम गोताखोर ने शव बरामद कर ली. जिसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया. युवक रोहित कुमार भोजपुर जिला के शाहपुर थाना क्षेत्र के गौरा निवासी मोहन पासवान का पुत्र बताया जाता है. इधर घटना की जानकारी मिलते ही उसके परिजनों में शोक की लहर व्याप्त हो गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बताया जाता है कि शिव सरोवर डूबे युवक की तलाश करने के लिए सोमवार को गोताखोरों ने महाजाल से पूरे दिन परेशान रहे. इस घटना लिए श्रद्धालुओं समेत परिजनों ने प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया. इधर इस घटना में युवक की मौत की खबर सुनते ही चारों तरफ कोहराम मच गया. पूरी रात मदद की गुहार लगाते रहे चार दोस्त बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर में सावन माह के सोमवारी पर अपने चार दोस्तों के साथ जल चढ़ाने आए रोहित कुमार स्नान करने के दौरान वह गहरे पानी में डूब गया. इसका उसके चारों दोस्त रात भर प्रशासन से अपने दोस्त को बचाने का गुहार लगाते रहे. लेकिन प्रशासन ने उनकी एक न सुनी. इन चारों दोस्तों को प्रशासन द्वारा यही आश्वान मिलता रहा कि अभी रात है सुबह में गोताखोरों को बुलाकर खोजने का प्रयास किया जाएगा. श्रद्धालु की मौत ने खोली 39 मजिस्ट्रेट सहित जवानों की तैनाती की पोल प्रशासन द्वारा सावन माह की सोमवारी पर श्रद्धालुओं की विशेष सुविधाएं सहित सुरक्षा के लिए 39 मजिस्ट्रेट सहित सैकड़ों पुलिस के जवानों की तैनाती का दावा की गई थी. लेकिन सोमवारी पर अपने चार दोस्तों के साथ जल चढ़ने आए श्रद्धालु रोहित कुमार की तालाब में डूबने से 39 मजिस्ट्रेटों सहित सैकड़ों पुलिस के जवानों की तैनाती की पोल खोल दी है.अगर इन मजिस्ट्रेटों की मंदिर परिसर के आस-पास तैनाती थी तो पूरी रात चारों दोस्तों द्वारा द्वारा मदद की गुहार लगाने के बाद भी आखिर प्रशासन रात भर कहां पर था. उन चारों दोस्तों ने बताया कि पूरी रात मदद की गुहार लगाते रहे लेकिन लेकिन तालाब के पास मदद कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने संभाला मोर्चा सुबह होने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी विकास दुबे द्वारा एसडीआरएफ के टीम के साथ शव को ढूंढने के लिए तालाब के पास मोर्चा संभाल लिया गया. लेकिन काफी प्रयास के बाद भी शव को ढूंढने में कामयाबी नहीं मिली. उसके बाद महाजाल से शव की खोज जारी की गई. वहीं परिजनों द्वारा शव नहीं मिलने पर दहाड़े मारकर रो रहे थे. वहीं पर परिजनों का आरोप था कि अगर मौके पर गोताखोरों की तैनाती होती तो शायद इस प्रकार की घटना नहीं होती. दूसरी और चौथी सोमवारी पर हुई मौतों से प्रशासन की हुई फजीहत रविवार की शाम से ही श्रद्धालु मंदिर परिसर के आसपास पहुंचने लगते हैं. इसलिए रविवार की शाम से ही वाहनों का प्रवेश बंद न होने के कारण दूसरी सोमवार पर ट्रैक्टर की धक्के से मां बेटी की मौत हो गई थी. उसे समय भी प्रशासन की काफी फजीहत हुई थी अगर उसे समय भी मजिस्ट्रेटों की तैनाती रहती तो ट्रैक्टर मंदिर रोड में प्रवेश नहीं करता और शायद उन दोनों की जान बच जाता. वहीं प्रशासन को दूसरी सोमवारी से सबक न लेने का नतीजा यह रहा कि चौथी सोमवारी पर भी एक श्रद्धालु के तालाब में डूबने से मौत हो गई. जबकि परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब श्रद्धालु रविवार की शाम पहुंचने लगते हैं तो फिर प्रशासन शाम से ही तैनात क्यों नहीं रहता अगर तालाब में गोताखोरों की तैनाती रहती तो शायद रोहित कुमार की जान बच सकती थी.

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