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एडीएम समेत 23 अफसरों का कटा वेतन

बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों पर डीएम ने की कार्रवाई

बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों पर डीएम ने की कार्रवाई भभुआ कार्यालय. कैमूर डीएम की ओर से सोमवार को जिला स्तरीय सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ कार्य की प्रगति को लेकर बैठक की जाती है. यह बैठक समाहरणालय स्थित सभागार में 10:30 बजे से शुरू होती है. इस सोमवार को शुरू जिला स्तरीय पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में बगैर किसी पूर्व सूचना के एडीएम समेत जिले के 23 पदाधिकारी अनुपस्थित पाये गये. एक साथ बगैर सूचना के 23 अधिकारियों के अनुपस्थित पाये जाने पर जिले के डीएम सावन कुमार ने सभी 23 अधिकारियों के एक दिन का वेतन काट दिया है. साथ ही उन सभी से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है कि वह बताएं कि आखिर किस कारण से वह बगैर किसी सूचना के होने वाले इस साप्ताहिक बैठक में अनुपस्थित रहें. साथ ही डीएम ने बताया है कि अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहता है, तो उक्त अधिकारियों के ऊपर विभाग को कार्रवाई के लिए भी लिखा जायेगा. बैठक से अनुपस्थित रहना मनमानी दरअसल, इस बैठक में सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा डीएम स्वयं करते हैं. लेकिन, इस सोमवार को जब बैठक हुई, तो पाया गया कि आधे से अधिक विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी बगैर सूचना के बैठक से गायब हैं. डीएम ने जब बैठक शुरू की, तो पाया कि सभाकक्ष में आधे से अधिक कुर्सियां खाली पड़ी हैं. इस पर डीएम ने पूछा कि आखिर और विभाग के अधिकारी कहां हैं. इस पर डीएम को कोई माकूल जवाब नहीं दे सका. बैठक से अनुपस्थित रहने के लिए किसी भी अधिकारी के द्वारा डीएम से छुट्टी भी नहीं ली गयी थी और न ही किसी ने छुट्टी के लिए अनुरोध किया था. डीएम इसपर भड़क गये और अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों की मनमानी के साथ कार्य के प्रति लापरवाही एवं उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना मानते हुए तत्काल एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिये. उनसे एक सप्ताह के अंदर बैठक में हिस्सा नहीं लेने के कारण को ले स्पष्टीकरण की मांग की गयी. बैठक में भाग नहीं लेने का उठता रहता है मामला ऐसा नहीं है कि यह कोई पहला मामला है, जब अधिकारी किसी बैठक से गायब मिले हैं. इसके पहले भी जिला परिषद, सांसद एवं मंत्री की भी बैठक से अधिकारी बगैर सूचना के गायब पाये गये हैं. इसको लेकर हंगामा भी होता रहा है. लेकिन, अब स्थिति यह हो गयी है कि ये अधिकारी डीएम की बैठक से भी बगैर सूचना के गायब रहने लगे हैं. अधिकारियों के मनमाने रवैये पर डीएम काफी आहत हुए और काफी गंभीरता से लेते हुए कहा कि अगर अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों का जवाब संतोषजनक नहीं रहा, तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा जायेगा. बगैर सूचना के अधिकारियों के बैठक से गायब रहना एक गंभीर मामला है. अनुपस्थित रहने पर इन अधिकारियों का कटा वेतन अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी कैमूर राज्य कर संयुक्त आयुक्त भभुआ उप निर्वाचन पदाधिकारी कैमूर जिला कल्याण पदाधिकारी कैमूर जिला शिक्षा पदाधिकारी कैमूर उत्पाद अधीक्षक मध निषेध कैमूर जिला नियोजन पदाधिकारी कैमूर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी कैमूर जिला सहकारिता पदाधिकारी कैमूर जिला निबंधन पदाधिकारी कैमूर प्रबंधन बिहार राज्य खाद्य निगम कैमूर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कैमूर कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद भभुआ कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल भभुआ कार्यपालक अभियंता विद्युत प्रमंडल भभुआ कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग मोहनिया प्रबंधक जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र कैमूर कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल मोहनिया कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग मोहनिया श्रम अधीक्षक कैमूर प्रबंधक जीविका कैमूर डीपीएम स्वास्थ्य विभाग कैमूर सीओ की रिपोर्ट में परिमार्जन का एक भी मामला पेंडिंग नहीं, भड़के डीएम डीएम की ओर से जब राजस्व विभाग की समीक्षा की जा रही थी, तो उन्होंने अंचल अधिकारियों की ओर से परिमार्जन को लेकर भेजी गयी रिपोर्ट को देखा, तो पाया कि जिले में परिमार्जन का सिर्फ एक मामला चैनपुर में पेंडिंग है, बाकी सभी 10 प्रखंडों में परिमार्जन के सभी मामले निष्पादित कर दिये गये हैं. डीएम ने इसको पूरी तरह से गलत रिपोर्ट बताया और उन्होंने कहा कि मेरे यहां जनता दरबार में प्रतिदिन परिमार्जन की शिकायत लेकर आम लोग पहुंचे रह रहे हैं और यहां आप लोग रिपोर्ट में दिख रहे हैं कि परिमार्जन का एक भी मामला पेंडिंग नहीं है, रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है. यह कहते हुए गलत रिपोर्ट देने को लेकर एवं आपदा भुगतान के लिए मामला लंबित रखने को लेकर डीएम ने जिले के सभी अंचल अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की है. दोनों एसडीओ, बीडीओ व डीपीओ से भी मांगा स्पष्टीकरण डीएम ने बैठक के दौरान पाया कि आपदा भुगतान की समीक्षा भी एसडीएम के स्तर से नहीं की जा रही है और ना ही या निरीक्षण किया जा रहा है कि अंचलाधिकारियों की ओर से आपदा राशि का भुगतान कितना किया गया है और कितना लंबित रखा गया है. इसको लेकर भभुआ एवं मोहनिया दोनों अनुमंडल के एसडीएम से भी डीएम ने स्पष्टीकरण की मांग की है. 34 प्रकार की पेंशन योजनाओं को प्रखंड स्तर पर लंबित रखने एवं बैठक के दौरान स्पष्ट जवाब नहीं देने पर सामाजिक सुरक्षा के निदेशक से भी स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में अधौरा एवं दुर्गावती के बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जिन 19 पंचायतों में कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि का भुगतान नहीं किया गया है, उनके पंचायत सचिव से भी स्पष्टीकरण मांगने का आदेश जिला पंचायती राज पदाधिकारी को डीएम ने बैठक में दिया है. दुर्गावती एवं चांद बीडीओ से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि स्वीकृत में रुचि नहीं लेने और लापरवाही बरतने के मामले में भी स्पष्टीकरण की मांग डीएम से की गयी है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना अंतर्गत योजना के क्रियान्वयन में शिथिलता पर रामगढ़ एवं मोहनिया की सीडीपीओ से भी डीएम ने स्पष्टीकरण मांगा है. सोमवार को जिला स्तरीय सभी विभागों की समीक्षा बैठक में डीएम के तेवर काफी तल्ख थे. बैठक में अधिकारी बगैर किसी सूचना के गायक थे, तो दूसरी तरफ बैठक के लिए भेजे जाने वाली रिपोर्ट में प्रखंड एवं अंचल स्तर से काफी गलत रिपोर्ट भेजी गयी थी. डीएम ने समीक्षा के दौरान पकड़ लिया. इसे लेकर बैठक के दौरान डीएम ने जमकर फटकार भी लगायी है. बैठक के दौरान डीएम के अलावे एडीएम ओमप्रकाश मंडल भभुआ के डीसीएलआर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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