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आनंद मार्गी आश्रम की संचालिका आनंद अवधूतिका हितवादिनी आचार्या ने आग लगाकर की आत्महत्या

मुआवजे के 4.10 करोड़ रुपये पर दावेदारी को लेकर दो वर्ष से है दो पक्षों में विवाद भारतमाला परियोजना के लिए अधिग्रहीत हो रही है आश्रम की जमीन, पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने से अनुयायियों ने रोकने की कोशिश की, एक आनंद मार्गी पुलिस हिरासत में

पेटरवार, जमीन अधिग्रहण के बदले मिले मुआवजे के 4.10 करोड़ रुपये पर दावेदारी के विवाद में आनंद मार्गी आश्रम की संचालिका आनंद अवधूतिका हितवादिनी आचार्या (68 वर्ष) ने सोमवार को आत्महत्या कर ली. आचार्या प्रतिकार स्वरूप अपने किचन में गयीं और गैस चालू कर आग लगा लीं. घटना सोमवार दोपहर 2.50 बजे की है. आनंद मार्गी आश्रम पेटरवार थाना क्षेत्र अंतर्गत दारिद पंचायत के खुटाहारा गांव में संचालित है. बताया जाता है कि क्षेत्र भ्रमण पर निकले पेटरवार सीओ अशोक राम को सूचना मिली, तो वह घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने जानकारी लेने के बाद आनंद अवधूतिका हितवादिनी आचार्या को वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटरवार भेजा. वहां डॉ कुंदन राज ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. आनंद हितवादिनी का शरीर 80 प्रतिशत से अधिक जल गया था.

आश्रम के लोगों और संवेदक के कर्मियों के बीच हुई नोक-झोंक

बताया जाता है कि जिस स्थान पर आनंद आश्रम बना हुआ है, वहां से भारतमाला परियोजना फेज वन के तहत एनएच 320 गुजर रहा है. आश्रम को बिना तोड़े आगे का काम बाधित हो रहा था. सोमवार की दोपहर करीब 1.30 बजे एनएच 320 के संवेदक और कर्मी आनंद अवधूतिका हितवादिनी आचार्या से बात करने गये थे. इसी दौरान आश्रम के लोगों और संवेदक के कर्मियों के बीच नोक-झोंक हो गयी. इस दौरान आनंद हितवादिनी और उनके शिष्यों को कर्मियों ने बताया कि आपकी जमीन का मुआवजा चार करोड़ 10 लाख रुपये तेनुघाट कोर्ट में जमा है, उसे प्राप्त कर सकते हैं. इसके करीब एक घंटे बात आनंद हितवादिनी अपने घर के अंदर गयी और किचन को अंदर से बंद कर गैस से अपने आप को जला लिया.

जमीन मुआवजे के 4.10 कराेड़ के लिए आनंद मार्गी आश्रम के दो गुटों में है विवाद

आत्महत्या जमीन मुआवजे के 4.10 कराेड़ रुपये से ज़ुड़ा बताया जा रहा है. आश्रम का संचालन आचार्य सर्वआत्मानंद की देखरेख में किया जाता था. जिसका बाद में मालिकाना हक आनंद हितवादिनी के नाम कर दिया गया. जब उक्त आश्रम निर्माणाधीन एनएच 320 के अंदर चला गया, तो दोनों गुट ने जमीन पर अपना दावा प्रस्तुत करने लगे. जिस कारण जमीन मुआवजा की राशि चार करोड़ 10 लाख रुपये जिला भू-अर्जन विभाग की ओर से जमा करा दिया गया. इसी बात को समझाने के लिए सोमवार को सड़क निर्माण के अधिकारी गये थे.

शिष्या व ग्रामीणों ने जताया विरोध

पेटरवार पुलिस शव का पंचनामा तैयार कर जब पोस्टमार्टम के लिए भेजने लगी, तो शिष्या शिफाली महतो, एक आनंद मार्गी और ग्रामीण विरोध करने लगे. इस कारण प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसी बीच शिष्या शिफाली महतो ने कहा कि झारखंड को बांग्लादेश बना देंगे. इतना कहने पर प्रशासन और आम जनता भड़क गयी और अनुमंडल पदाधिकारी अशोक कुमार के निर्देश पर पेटरवार थाना प्रभारी राजू कुमार मुंडा ने एक आनंद मार्गी शिष्य को हिरासत में ले लिया. अनुमंडल पदाधिकारी ने इसके मोबाइल को खंगालने का निर्देश दिया. इस दौरान जिला परिषद अध्यक्षा सुनीता देवी, उपाध्यक्ष बबीता देवी जिप सदस्य प्रह्लाद महतो, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष मुकेश कुमार महतो, भाजपा नेता लक्ष्मण नायक, चितरंजन साव, दारीद मुखिया गोपाल मुंडा, दारीद पंसस, रितेश सिन्हा, बाली रजवार सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.

कोट

भारतमाला परियोजना फेज वन के तहत बन रही फोरलेन में जमीन अधिग्रहण हो रहा है. मुआवजे का मामला है. मुआवजा पर दो गुट दावा कर रहे हैं. दो वर्षों से इन्हें मुआवजा लेने के लिए कहा जा रहा है, पर ये लोग आपस में उलझे हुए हैं और प्रशासन को बेवजह परेशान कर रहे हैं. आज ये घटना हो गयी.

अशोक कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, बेरमो

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