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आरसीडी के तकनीकी सलाहकार के एक वार्षिक वेतन वृद्ध पर रोक की कार्रवाई निरस्त, अब निंदन की सजा

पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय का भी जवाब नहीं है.

– सड़क निर्माण के तुरंत बाद नहीं करायी जांच, गड़बड़ी पर कर दी कार्रवाई, जवाब सटीक मिला तो मुख्यालय ने बदला आदेश वरीय संवाददाता, भागलपुर पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय का भी जवाब नहीं है. पहले सड़क बनाने में गड़बड़ी करने के आरोप को सही मानकर पथ निर्माण विभाग, पूर्व बिहार अंचल भागलपुर के अधीक्षण अभियंता के तकनीकी सलाहकार नवल किशोर शरण (वर्तमान में सेवानिवृत्त) को दोषी ठहराया और एक वार्षिक वेतन वृद्ध पर रोक लगाने की कार्रवाई की. इस कार्रवाई के आदेश को अब रिवाइज कर निंदन का दंड दिया है. मजे की बात यह है कि यह दंड (2008-2009) के लिए है और आदेश आठ अगस्त 2024 को जारी हुआ है. श्री शरण जब पथ प्रमंडल, पूर्णिया में कार्यपालक अभियंता थे, तब उन्होंने पूर्णिया से आवादपुर वाया कदवा, सोनैली व आजमनगर पथ का निर्माण कराया था. उड़नदस्ता की टीम ने इसकी जांच की थी. सड़क निर्माण में अलकतरा की कमी पाने की रिपोर्ट पर मुख्यालय ने अनियमितता का आरोप लगा कार्रवाई की थी. कार्रवाई के आदेश को बदलने की ये रही वजह तकनीकी सलाहकार श्री शरण से पूछे गए स्पष्टीकरण पर उन्होंने जवाब दिया कि जांच दल द्वारा कार्य समाप्ति के लगभग 10 माह बाद सैंपल एकत्र कर जांच की गयी है. साथ ही हॉट मिक्स प्लांट से स्थल पर मिक्स लाने पर दूरी व स्थल के दबने के एक अरसे बाद सैंपल से बिटुमिनिस का आकलन करना सही नहीं है. समय के अंतराल के कारण उपयोग किये गये बिटुमिनस में अंतर आना स्वभाविक है. यानी, सड़क निर्माण के तुरंत बाद इसकी जांच की नहीं और गड़बड़ी को सही मान लिया गया. इधर, दंड के प्रभाव की अवधि में श्री शरण 31 दिसंबर 2015 को ही सेवानिवृत हो जाने के कारण उनके विरुद्ध दंड सेवांत लाभ पर कुप्रभाव डाल रहा था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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