नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में मंगलवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने सुदमडीह थाना क्षेत्र के मोहलबनी नगीना बाजार निवासी मोनू बागती को 20 वर्ष कैद व 15 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है. अभियोजन का संचालन सहायक लोक अभियोजक समित प्रकाश ने किया. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता बीके मिश्रा ने सजा की बिंदु पर बहस की. पीड़िता के पिता के शिकायत पर 25 जनवरी 2024 को सुदामडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. एक अन्य खबर के अनुसार नाबालिग को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के एक मामले में मंगलवार को पोक्सो की अदालत ने आरोपी झरिया निवासी टुंपा टिकैत (सौतेली मां) को दोषी करार दिया है. सजा पर फैसला 14 अगस्त को होगा. आरोपी मामले में फरार है, उसकी अनुपस्थिति में ही अदालत ने फैसला सुनाया. प्राथमिकी पीड़ित बच्चे की बुआ की शिकायत पर झरिया थाने में 17 अगस्त 2015 को दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक पीड़ित बच्चे की सौतेली मां टुंपा टिकैत बच्चे को दो वर्षों तक शारीरिक, आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थी. आरोप था कि सौतेली मां ने बच्चे का यौन उत्पीड़न भी किया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है