17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पत्रकारिता की ताकत और जवाबदेही, प्रभात खबर के 40 वर्ष पर पढ़ें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का खास आलेख

झारखंड, बिहार और बंगाल से प्रकाशित प्रभात खबर ऐसा  ही एक ताकतवर क्षेत्रीय अखबार है, जो 40 साल से जन सरोकार की पत्रकारिता  कर रहा  है.

द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति :

मानवता के प्रगतिशील इतिहास में प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार एक क्रांतिकारी कदम था. सूचना और ज्ञान का लोकतंत्रीकरण यानी आम आदमी तक पहुंचना इस आविष्कार से सरल हो गया. इससे आम आदमी की चेतना का स्तर भी काफी बढ़ा. सच तो यह है कि प्रजातंत्र की नींव को गहरा और मजबूत करने का काम इसी सूचना और ज्ञान के व्यापक विस्तार से हुआ. इसलिए लोकतंत्र में पत्रकार और पत्रकारिता का  बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान  है. चाहे आजादी की लड़ाई  हो, समाज और देश को मजबूत  करने की मुहिम हो, समाज के हर तबके के लोगों को  उनका अधिकार दिलाने की बात हो, जागरूकता फैलाने का अभियान हो, योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देनी हो, पत्रकारिता ने इनमें अहम भूमिका अदा की है और हर मुहिम को ताकत दी  है.

लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जहां स्वतंत्र मीडिया का होना आवश्यक है, वहीं स्वस्थ-निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता भी उतनी ही जरूरी  है. झारखंड, बिहार और बंगाल से प्रकाशित प्रभात खबर ऐसा  ही एक ताकतवर क्षेत्रीय अखबार है, जो 40 साल से जन सरोकार की पत्रकारिता  कर रहा  है. झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है और प्रभात खबर आदिवासियों-वंचितों के मुद्दों को  बहुत मजबूती  से उठाता रहा  है.

मैं लंबे समय तक झारखंड में राज्यपाल के पद पर रही और इस दौरान प्रभात खबर की पत्रकारिता को  बहुत  ही करीब से देखा. उनके सामाजिक  कार्यक्रमों और अभियान में भी गयी. मेरा अनुभव  अच्छा रहा. प्रभात खबर में एक दिन मैंने पूर्वी सिंहभूम जिले के एक दूरदराज गांव में रहने वाली एक विकलांग महिला की  पीड़ा  के बारे में पढ़ा था. मैं द्रवित हो गयी थी और मैंने उस असहाय महिला और उसके चार-पांच साल के बच्चे की सहायता के लिए उसी दिन कुछ निर्णय  लिये थे. 24 घंटे के अंदर उन दोनों का जीवन अचानक बदल  गया.

उस परिवार से मेरा भावनात्मक  जुड़ाव  हो गया था जो अब भी  बना हुआ है. समाज को ऐसी ही नि:स्वार्थ और जमीनी हकीकत को  बताने वाले सकारात्मक पत्रकारिता की जरूरत  है. हमारा इतिहास साक्षी है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक राष्ट्रीय नेताओं ने अखबार निकाल कर आजादी की  लड़ाई  को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया था, अंग्रेजों के खिलाफ माहौल बनाया  था. बाल गंगाधर तिलक ने ‘केसरी’ और सुरेंद्र नाथ बनर्जी ने ‘बंगाली’ नामक अखबार निकाला  था.

‘बंगाली’ वही अखबार है, जिसमें बिरसा मुंडा के समर्थकों पर  चलाये गये मुकदमे की सुनवाई की खबरें और मुंडाओं की समस्याएं प्रमुखता से छपती  थीं. महात्मा गांधी खुद ‘यंग इंडिया’ और ‘नवजीवन’ निकालते थे. शिशिर कुमार घोष और मोतीलाल घोष ‘अमृत बाजार पत्रिका’ का प्रकाशन करते थे. दादा भाई  नौरोजी  ने ‘वॉइस  ऑफ इंडिया’, एसएन सेन ने ‘इंडियन मिरर’, गोपाल गोखले ने ‘नेशन’ और लाला लाजपत राय ने पंजाबी में ‘वंदे मातरम्’ नामक अखबार निकाले थे.

Murmu President 1
पत्रकारिता की ताकत और जवाबदेही, प्रभात खबर के 40 वर्ष पर पढ़ें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का खास आलेख 2

अधिकांश  बड़े नेता तब पत्रकार की भूमिका में भी  थे. उनके संघर्ष के कारण देश को आजादी  मिली  थी. आजादी के बाद  जब  देश को आत्मनिर्भर बनाने, विकसित करने की तैयारी हुई तो उसमें भी अखबारों की भूमिका सराहनीय रही.

आजादी के बाद पत्रकारिता में भी बहुत बदलाव आ गया  है. व्यावसायिकता का प्रभाव बढ़ा है. समाचारों के संदर्भ और प्राथमिकताएं भी बदल गयी  हैं. इसके बावजूद अखबार और अन्य मीडिया अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं. इसमें कुछ गलतियां भी हो सकती  हैं. टेक्नॉलॉजी का विस्तार बहुत अच्छा है. आज खबर का प्रसार अत्यंत त्वरित गति से होता है.

पर इसके कुछ खतरे भी हैं. आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस के इस जमाने में हमारे सामने फेक न्यूज की बड़ी चुनौती सामने आ गयी है. अब पाठकों-दर्शकों के सामने सबसे बड़ा  संकट है कि किस सूचना को सही माने, किसे गलत. ऐसे समय में अखबारों की जिम्मेवारी और बढ़ जाती है कि वे पाठकों को  यह  बताएं कि सही क्या  है. बदलाव के इस काल में जमीनी पत्रकारिता करके अखबार अपनी साख को न सिर्फ  बनाये रख सकते हैं बल्कि उसे और मजबूत कर सकते  हैं.

प्रभात खबर यही काम कर रहा  है. जन सरोकार  की पत्रकारिता पर केंद्रित यह अखबार कई विषयों पर मुखर रहा  है. अपनी 40 साल की अनवरत यात्रा में इस अखबार ने जनहित की पत्रकारिता पर जोर दिया है और नदी-पहाड़, नाला-तालाब बचाने, पर्यावरण की रक्षा करने, वृक्षारोपण करने, प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने, स्थानीय प्रतिभाओं को समाज के सामने लाने के अनेक अभियान चलाये  हैं. ऐसे अभियानों का व्यापक प्रभाव दिखा है, जिससे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया  है. मैं प्रभात खबर की चार दशकों की इस महत्वपूर्ण यात्रा के लिए इस अखबार से जुड़े सभी संपादकों, उनके सहयोगियों, सभी कर्मियों और पाठकों को साधुवाद देती हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें