Independence Day: स्वतंत्रता दिवस को लेकर सिल्क सिटी भागलपुर का मुख्य बाजार तिरंगे से पटा रहा, लेकिन खादी ग्रामोद्योग प्रतिष्ठान में कोरोना काल से भी तिरंगे की कम बिक्री हुई. युवक-युवतियों में देशभक्ति कम नहीं हुई. देशभक्ति को प्रदर्शित करने के लिए तिरंगे को परिधान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दुकानों व खादी ग्रामोद्योग प्रतिष्ठान पर चहल-पहल बढ़ी रही.
घट गई तिरंगे की डिमांड
खादी ग्रामोद्योग के प्रशासक मायाकांत झा ने बताया कि कोरोना काल में तिरंगे की बिक्री बढ़ गयी थी. 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तिरंगे को बढ़ावा देने के लिए हर घर तिरंगा का स्लोगन दिया गया. अचानक देश के अलग-अलग प्रांतों से तिरंगा की डिमांड बढ़ गयी. अब तिरंगा की डिमांड घट गयी है. इस बार तीन लाख से कम तिरंगा की बिक्री हुई. जबकि ऐसा कभी नहीं हुआ.
कलाई बैंड, स्टीकर और हेडबैंड से सजा बाजार, बुनकरों का एक करोड़ का कारोबार
परिधानों के रूप में तिरंगे को इस्तेमाल करने का रुझान बढ़ गया है. खासकर यूथ इसे अलग-अलग रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. बुनकर भी डिमांड के अनुसार तिरंगा दुपट्टा, तिरंगा साड़ी व अन्य चीजों को तैयार करने में लगे हैं. युवा सिल्क कारोबारी तहसीन सवाब ने बताया कि इस बार भागलपुर व आसपास के क्षेत्र में 10 हजार से अधिक तिरंगा दुपट्टा व साड़ी से लगभग एक करोड़ का कारोबार हुआ है.
स्वतंत्रता दिवस पर सिल्क सिटी के सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक, राजनीतिक व स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व घरों में लोग राष्ट्रीय ध्वज फहराने को तैयार हैं. इस बार राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ हेयर बैंड, रिस्ट बैंड, स्टीकर, माथा बैंड समेत दो दर्जन से अधिक तिरंगे रंग के उत्पादों से बाजार सजा रहा.
10 रुपये से लेकर 200 तक के तिरंगे बाजार में
वेराइटी चौक, खलीफाबाग चौक, आदमपुर, तिलकामांझी चौक व स्टेशन चौक पर तिरंगा व अन्य सामान की दुकानें सजी रही. यहां इन सामान की 200 से अधिक दुकानें सजी रही. इन दुकानों पर 10 से दो सौ रुपये तक प्रति पीस तिरंगे कलर के बैच, पट्टी, बैंड, स्टीकर झंडे व अन्य उत्पादों की बिक्री खुदरा बाजारों में हो रही है. बच्चे व युवा हेड बैंड व कलाई बैंड की सबसे अधिक खरीदारी कर रहे हैं.
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