कलकत्ता में महिला डॉक्टर के साथ रेप व हत्या का किया विरोध प्रतिनिधि, सहरसा सदर अस्पताल के ओपीडी में बुधवार को डॉक्टरों ने अपने कर्तव्य का बहिष्कार कर दिया. यह बहिष्कार कलकत्ता में हुए एक महिला डॉक्टर के साथ रेप व हत्या के विरोध में आईएमए के आह्वान पर किया गया. आईएमए के आह्वान पर सदर अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया. जिसको लेकर सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आये हजारों मरीज दिन भर परेशान होकर इधर उधर भटकते रहे. जबकि कुछ मरीजों का इलाज इमरजेंसी वार्ड में किया गया तो कुछ मरीजों ने सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर के निजी क्लीनिक पर जाकर अपना इलाज कराया. वहीं गुरुवार को 15 अगस्त की छुट्टी रहने के कारण सरकारी अस्पताल का ओपीडी पूर्णरूप से बंद रहेगा. जबकि जिले के विभिन्न प्रखंडों से इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. जिसमें सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल क्षेत्र के पहाड़पुर से सदर अस्पताल इलाज के लिए आयेए रामफल शर्मा ने कहा कि उनका बेटा कई दिनों से बीमार चल रहा है. जिसका इलाज अनुमंडल अस्पताल में भी चला. लेकिन बेहतर सुधार नहीं दिखा. जिसके बाद सदर अस्पताल आये तो पता चला आज कोई डॉक्टर मरीज को देखेंगे ही नहीं. वहीं नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के डरहार निवासी निरंजन कुमार अपनी पत्नी का इलाज कराने सदर अस्पताल आये. चार घंटा बीत जाने के भी कोई डॉक्टर ओपीडी में नहीं आये. डॉक्टर के नहीं आने के कारण पत्नी को इलाज के लिए किसी निजी अस्पताल ले जा रहे हैं. मरीजों को होने वाली परेशानी को लेकर जब अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एसपी विश्वास से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीते दिनों कलकत्ता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज में हुए महिला चिकित्सक की रेप और निर्मम हत्या के विरोध में सदर अस्पताल में नियुक्त सभी चिकित्सकों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया है. मरीज को परेशानी हुई है. लेकिन जरूरतमंद मरीजों का इलाज इमरजेंसी में किया जा रहा है.
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