बोधगया. एनआइआरएफ 2024 रैंकिंग में आइआइएम बोधगया ने 20 रैंक की छलांग लगाते हुए 33वां स्थान हासिल किया है. एनआइआरएफ का लक्ष्य संस्थानों की रैंकिंग के लिए एक व्यापक और मानकीकृत ढांचा प्रदान करके उच्च शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और नैतिकता लाना है. यह उपलब्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह आइआइएम बोधगया को भारत के शीर्ष 50 प्रबंधन संस्थानों में स्थान पाने वाला बिहार का एकमात्र संस्थान है. बिहार के अन्य संस्थान जैसे एम्स पटना (मेडिकल श्रेणी में 26वें स्थान) व आइआइटी पटना (इंजीनियरिंग श्रेणी में 34वें स्थान) ने समग्र श्रेणी में क्रमशः 99वें और 73वें स्थान पर रहते हुए शीर्ष 100 की सूची में जगह बनायी है. आइआइएम बोधगया की निदेशक प्रो विनीता एस सहाय के नेतृत्व में आइआइएम बोधगया ने उत्कृष्टता, सामाजिक सेवा और कौशल उन्नति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में उल्लेखनीय प्रगति की है. समग्र विकास, नवीन शिक्षण विधियों व उद्योग सहयोग पर उनके जोर ने प्रबंधन शिक्षा के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है, जिससे विभिन्न जागरूक नेतृत्वकर्ता का सृजन हुआ. आइआइएम बोधगया कैंपस में 26 से अधिक राज्यों के 1400 से अधिक छात्र पांच पूर्ण आवासीय कार्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं, जो इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आइपीएम), एमबीए, एमबीए-डिजिटल बिजनेस मैनेजमेंट (डीबीएम), एमबीए- हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर मैनेजमेंट (एचएचएम) और पीएचडी हैं. स्टेट ऑफ द आर्ट सुविधाओं एवं कैंपस के साथ यह विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है. हाल ही में संस्थान ने अपने एमबीए पाठ्यक्रमों के लिए फाइनल के साथ-साथ ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप कार्यक्रम में 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल की. आइआइएम बोधगया की सामाजिक सेवा व कौशल उन्नति के प्रति प्रतिबद्धता स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गयी विभिन्न पहलों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.
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