संवाददाता, कोलकाता
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन जारी है. चिकित्सकों के अलावा महिला व छात्र संगठनों की ओर से भी प्रदर्शन किये जा रहे हैं. घटना के विरोध में महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर सांसद व तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुखेंदु शेखर राय ने समर्थन किया है. उन्होंने उनके प्रदर्शन का समर्थन करने व एकजुटता दिखाने के बाबत जोधपुर पार्क स्थित नेताजी मूर्ति के समक्ष धरना दिया.
तृणमूल सांसद ने पहले ही घोषणा की थी कि वह बुधवार की शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक धरना पर बैठेंगे, ताकि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई घटना को लेकर अपना विरोध दर्ज करा सकें. घटना का विरोध करने वालीं महिलाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित कर सकें. गत मंगलवार की रात को सोशल मीडिया के मंच ‘एक्स’ पर तृणमूल सांसद राय ने पोस्ट कर कहा था : मैं महिलाओं के प्रदर्शन का समर्थन करता हूं, क्योंकि लाखों बंगाली परिवारों की तरह मेरी भी एक बेटी और छोटी पोती है. हमें इस घटना के खिलाफ साथ खड़े होना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो चुकी. आइये, हम सब मिलकर इसका विरोध करें. चाहे कुछ भी हो जाये.
बाद में एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने पोस्ट किया कि राय को पार्टी से निकाला जा सकता है. जवाब में उन्होंने कहा : कृपया मेरे भविष्य के बारे में चिंता न करें. मेरी रगों में एक स्वतंत्रता सेनानी का खून बहता है. मुझे कोई चिंता नहीं है.हालांकि, तृणमूल के एक अन्य वरिष्ठ नेता कुणाल घोष का विचार अलग था. उन्होंने कहा : हम सभी विरोध कर रहे हैं, लेकिन वामपंथी-भाजपा कार्यकर्ताओं की आड़ में कुछ लोग एक जघन्य घटना पर गंदी राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. हम सभी ने आरजी कर की घटना की निंदा की है. लेकिन हम इस पर राजनीति करनेवालीं कुछ पार्टियों के खिलाफ हैं. इसी दिन उन्होंने पूर्व वाममोर्चा सरकार की आलोचना करते हुए बानतला में हुई उस घटना जिक्र किया, जिसमें डॉ अनिता दीवान नामक महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी थी. तृणमूल नेता घोष ने दीवान के दीनेंद्र स्ट्रीट स्थित आवास के समक्ष विरोध सभा भी की, जहां उन्होंने भाजपा और वामपंथी दलों को आड़े हाथ लिया.
इधर. तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा : बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए शून्य सहिष्णुता. अपराधियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जायेगी.
अभी और हमेशा. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को सौंपने का आदेश दिया. आरजी कर हॉस्पिटल में हुई घटना को लेकर जूनियर चिकित्सकों के व्यापक आंदोलन के कारण राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं.
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