SBI-PNB: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने देश सबसे बड़े दो बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) और पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) से अपना नाता तोड़ दिया है. उसने इन दोनों बैंकों से होने वाले लेन-देन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. एसबीआई-पीएनबी की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि कर्नाटक सरकार के उनके साथ सभी प्रकार के लेन-देन के फैसले से काफी आहत हैं. इस समस्या के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए वे राज्य सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं.
सरकार से बात कर रहे हैं बैंक
कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद पहली आधिकारिक टिप्पणी में सरकारी बैंकों ने अलग-अलग बयान जारी करते हुए कहा कि समस्या की जड़ में मामला विचाराधीन है. एसबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चूंकि मामला अभी विचाराधीन है. इसलिए हम इस समय कोई विशेष टिप्पणी देने में असमर्थ हैं. हालांकि, हम इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. उधर, पंजाब नेशनल बैंक ने भी इसी तरह का बयान दिया और कहा कि इस मामले पर कोई विशेष टिप्पणी करना समझदारी नहीं होगी. पीएनबी के बयान में कहा गया है कि बैंक इस मामले के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार से बातचीत कर रहा है.
बैंककर्मियों से जुड़े घोटाले के बाद कर्नाटक सरकार ने उठाया कदम
कर्नाटक सरकार ने 12 अगस्त को अपने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और विश्वविद्यालयों को भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक में अपनी सभी जमा और निवेश वापस लेने और इन संस्थाओं के साथ किसी भी तरह का कारोबार बंद करने का आदेश दिया. यह आदेश 14 अगस्त को जारी किया गया. यह आदेश कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) की ओर से बैंक कर्मचारियों से जुड़े घोटाले के बाद जमा किए गए 12 करोड़ रुपये को वापस लेने से इनकार करने के बाद आया है.
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बैंक ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जमा पैसे नहीं लौटाए
कर्नाटक सरकार की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि बैंक अधिकारियों के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला और मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है. सर्कुलर में कहा गया है कि कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (केएसपीसीबी) की ओर से जमा कराए गए 10 करोड़ रुपये बैंक अधिकारियों द्वारा किए गए घोटाले के कारण बैंक ने वापस नहीं किया है. सरकार ने सरकारी संस्थानों को इन दोनों बैंकों में अपने खाते बंद करने, प्रमाणित समापन रिपोर्ट जमा करने और निर्धारित प्रारूप में जमा और निवेश रिपोर्ट का विवरण 20 सितंबर, 2024 तक वित्त विभाग को भेजने का भी निर्देश दिया.
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