Gulmohar: मनोज बाजपेयी का नाम सुनते ही हर किसी के मन में एक बेहतरीन कलाकार की इमेज बन जाती है. इस बार नेशनल फिल्म अवार्ड्स में उन्हें एक खास सम्मान मिला है. फिल्म ‘गुलमोहर’ के लिए उन्हें स्पेशल मेंशन दिया गया है, और यह उनके करियर का चौथा नेशनल अवार्ड है. जब हमने उन्हें यह खुशखबरी दी, तो वह बहुत खुश हो गए. उन्होंने तुरंत कहा, “वाओ! बेस्ट हिंदी फिल्म भी! मुझे अपने डायरेक्टर राहुल वी चिटेला को कॉल करना चाहिए. वह इस सम्मान के हकदार हैं, उन्होंने रिश्तों और जटिल परिवारिक सिस्टम पर एक बहुत ही खूबसूरत फिल्म बनाई है.”
पुरानी मेहनत अब आ रही है नजर
मनोज बाजपेयी ने यह भी बताया कि उनकी मेहनत को अब पहचान मिल रही है. उन्होंने कहा, “यह अब हो रहा है. पहले कई परफॉरमेंस और फिल्में थीं जो किसी की नजर में नहीं आईं, और कई बार ऐसा समय भी आया जब चीजें ठीक नहीं लग रही थीं.
ओटीटी पर भेदभाव
मनोज बाजपेयी का सफर हमेशा से इंस्पिरेशनल रहा है. उन्होंने अपने करियर में कई मुश्किलों का सामना किया है. पहले उनके साथ कई बार भेदभाव किया गया, खासकर जब फिल्मों को ओटीटी पर रिलीज किया जाता था. ‘गुलमोहर’ भी सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई थी. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग भेदभाव करते थे, वे अब फिल्मों और ओटीटी पर हो रहे काम से डर रहे हैं. उन्हें लगता है कि उनकी पोजीशन खतरे में है, लेकिन वे असफल हो जाते हैं क्योंकि अच्छा काम तो अच्छा ही होता है.”
नई पहचान का सफर
मनोज बाजपेयी ने अपनी इस नई पहचान के लिए अपने पिछले जन्मों को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “शायद मैंने अपने पिछले जन्मों में कुछ अच्छा किया होगा, तभी मुझे यह सम्मान मिला है.” मनोज बाजपेयी की यह जीत उनकी मेहनत और लगन का नतीजा है. उनका कहना है कि अब उनकी मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है, और यह उनकी जीत की असली पहचान है.
मनोज सर और पूरी गुलमोहर को इस स्पेशल अवार्ड के लिए प्रभात खबर की पूरी टीम की तरफ से बधाई, ऐसे ही अच्छा सिनेमा बनाते रहिए.
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