गढ़वा. गढ़वा व्यवहार न्यायालय स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शरण सिंह की अदालत में शुक्रवार को हत्या के आरोपों में छह लोगों को आजीवन सश्रम कारावास एवं 20-20 हजार रुपये की आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई गयी . सजा पानेवालों में श्यामराज शर्मा उर्फ पंकज शर्मा, अनिल राम उर्फ दीपक, शकील अंसारी उर्फ शकील अहमद, उदय शेख उर्फ शेख मुस्लिम, मदन चंद्रवंशी और आसिफ उर्फ पिंटू अंसारी के नाम शामिल है. गढ़वा थाना के सुखबाना निवासी विकेश सिंह के बयान के आधार पर इस मामले में 23 जून 2022 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि 22 जून 2022 को रात्रि आठ बजे मृतक विमल सिंह उर्फ मुन्ना सिंह अपने घर से थोड़ी दूर नहर चौक पर थे, तभी अभियुक्तगण आए और सभी मिलकर विमल सिंह के साथ मारपीट करने लगे. मारपीट करने के बाद उन्हें गोली मार दी गयी. जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गये. घायल अवस्था में उनके परिवार के सदस्यों के द्वारा उन्हें सदर अस्पताल गढ़वा में भर्ती कराया गया, जहां से उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए रांची के लिये रेफर कर दिया गया. एंबुलेंस से रांची अस्पताल ले जाने के क्रम में जब विमल सिंह को होश आया, तो उन्होंने बताया कि उपरोक्त लोग उनके साथ मारपीट की एवं श्यामराज शर्मा तथा अनिल राम द्वारा एक-एक गोली मारी गयी. साथ ही अन्य लोग भी उनके साथ मारपीट की थी. बयान देने के कुछ देर के बाद एंबुलेंस में ही विमल सिंह की मौत हो गयी थी. इस आशय की सूचना पर गढ़वा थाना में श्याम राज शर्मा, पंकज शर्मा, अनिल राम उर्फ दीपक, शकील अंसारी उर्फ शकील अहमद, उदय शेख उर्फ शेख मुस्लिम, मदन चंद्रवंशी, आसिफ उर्फ पिंटू अंसारी, चंद्रशेखर दुबे, कृष्णा पासवान और संतोष चंद्रवंशी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर गढ़वा पुलिस के द्वारा अनुसंधान प्रारंभ किया गया था. तत्पश्चात घटना को सत्य पाते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजते हुए श्यामराज शर्मा उर्फ पंकज शर्मा, अनिल राम उर्फ दीपक, शकील अंसारी उर्फ शकील अहमद, उदय शेख उर्फ शेख मुस्लिम, मदन चंद्रवंशी और आसिफ उर्फ पिंटू अंसारी के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया गया. इसके बाद न्यायालय के द्वारा संज्ञान लेते हुए सभी के विरुद्ध आरोप गठन कर साक्षियों के साक्ष्य हेतु समय निर्धारित किया गया था. साक्षियों का साक्ष्य कलमबद्ध करते हुए कुल 12 साक्षियों का साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. तत्पश्चात उपलब्ध दस्तावेज एवं साक्ष्य के आधार पर दोषी करार देते हुए सभी को आजीवन सश्रम कारावास एवं 20 हजार रूपये आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई गई है.
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