जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में शुक्रवार को वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार की उपस्थिति में अपराधियों को न्यायालयों द्वारा सजा दिलवाने को लेकर समीक्षा भवन में बैठक की गयी. बैठक में इस बात को लेकर विशेष जोर दिया गया कि अपराधिक मामले में त्रुटि पूर्ण चार्जशीट, ससमय साक्ष्य व गवाह की उपस्थिति न कराने या ससमय इंज्यूरी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करने के कारण घृणित अपराधियों को भी जमानत मिल जाती है. डीएम ने सभी थाना प्रभारी को सचेत किया कि लोक अभियोजक या विशेष लोक अभियोजित के द्वारा केस डायरी मांगे जाने पर ससमय उपलब्ध नहीं करायी जाती है, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. एसएसपी ने भी वैसे थानों की सूची बनाने का निर्देश दिया, जो प्राय: समय पर केस डायरी उपलब्ध नहीं कराते हैं.
जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक व सिविल सर्जन को हिदायत दी गयी कि आपराधिक मामले में इंज्यूरी रिपोर्ट 10 दिनों से ज्यादा लंबित न रहे, नहीं तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. साथ ही इंज्यूरी रिपोर्ट पर संबंधित डॉक्टर का नाम व मोबाइल नंबर अंकित रहना चाहिए. एसएसपी ने कहा कि बैठक में लोक अभियोजक ने बताया है कि कुछ सहायक लोक अभियोजक का व्यवहार उचित प्रतीत नहीं हो रहा है. डीएम व एसएसपी ने संयुक्त रूप से कहा कि वैसे एपीपी की सूची उपलब्ध करायी जाये, उन्हें पद से हटाया जायेगा. उत्पाद एवं मध निषेध विभाग के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि जून, 2024 में दो और जुलाई में एक अपराधी को सजा दिलायी गयी है. 100 ऐसे मामले निर्णय के कगार पर हैं. चिकित्सा पदाधिकारी व जांच पदाधिकारी को प्रशिक्षण दिलाने के लिए एक समय निर्धारित करने को कहा गया. इस मौके पर सीटी एसपी, पीपी, सभी स्पेशल पीपी, सभी एसडीओ, सभी थाना प्रभारी आदि उपस्थित थे.
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