जीएमसीएच की ओपीडी सेवा तीसरे दिन भी रही ठप, मरीज रहे बेहाल
पूर्णिया. बीते दिनों कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या के विरोध में आइएमए द्वारा 24 घंटे के लिए कार्य बंद रखने के आह्वान का जिले में व्यापक असर पड़ा. एक साथ चिकित्सकों के सभी संगठनों के हड़ताल के एलान से लाइन बाजार सुबह से ही सूना सूना दिख रहा था. लगभग सभी चिकित्सकों के क्लीनिकों पर ताले लटके रहे. कुछ स्थानों पर कंपाउंडर द्वारा मरीजों से अगले दिन आने को कहा गया. वहीं चिकित्सकों की तलाश में कुछ परिजन अपने मरीज को लेकर इधर- उधर भटकते दिखे. जबकि जिन्हें हड़ताल की जानकारी थी उन्होंने एक दिन पहले ही चिकित्सक से दिखाकर अपने पेशेंट को क्लिनिक में भर्ती करा लिया था. इधर, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में भी चिकित्सकों के साथ साथ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने ओपीडी सेवा बंद करते हुए तीसरे दिन भी स्वास्थ्य सेवाओं से खुद को अलग रखा. इस दौरान इलाज के लिए जीएमसीएच पहुंचे मरीजों को बगैर डॉक्टर से दिखाए वापस लौटना पडा.हड़ताल की सूचना पहले ही मिल जाने से कम ही मरीज पहुंचे अस्पताल
एक तरह से 14 अगस्त से ही चिकित्सकों द्वारा ओपीडी सेवा से खुद को अलग रखने के बाद यह क्रम लगातार जारी ही है. इस दरम्यान कोलकाता की घटना एवं चिकित्सकों के आंदोलन को लेकर भी सूचनाओं के तेजी से फैलने से मरीज आये दिन की तुलना में नहीं के बराबर ही नजर आये. वहीं जीएमसीएच में भी मरीजों की संख्या कम ही रही जबकि आये मरीजों ने कुछ हद तक इमरजेंसी सेवा में जाकर डॉक्टर को दिखाया लेकिन दवा के लिए उन्हें बाहर की शरण लेनी पडी. चूंकि ओपीडी बाधित रहने से फार्मेशी काउंटर पर भी कोई मौजूद नहीं था. दूसरी ओर अस्पताल में अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भी उपस्थिति सक्रिय रूप से नहीं दिखी नतीजतन स्ट्रेचर के अभाव में इमरजेंसी सेवा के बाद अभिभावक मरीज को गोद में ही उठाकर एक्सरे केंद्र की ओर ले जाते दिखे.
दवा कारोबार पर भी पडा असर
चिकित्सकों की इस हड़ताल का दवा कारोबार पर भी असर पड़ा है. बिहार प्रदेश केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोसिएशन के अध्यक्ष संतोष सिंह एवं सचिव लाल मोहन सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि जिले में प्रतिदिन अमूमन 3 से 4 करोड़ राशि की दवा का कारोबार चलता है लेकिन चिकित्सकों के हड़ताल की वजह से यह कारोबार एक चौथाई से भी कम रहा. उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सकों के इस आन्दोलन में उनसभी का नैतिक समर्थन है और वे भी काला बिल्ला लगाकर कार्य कर रहे हैं.
आइएमए ने बैठक कर तय की आगे की रणनीति
आइएमए की अगुवाई में किये गये हड़ताल में शामिल संगठनों के सदस्यों ने स्थानीय आइएमए हॉल में बैठक कर आगे की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की. बैठक में सभी चिकित्सकों ने एक स्वर में कोलकाता की घटना पर अपना रोष जताते हुए पीड़ित परिवार और पीडिता के लिए हर संभव न्याय दिलाने का संकल्प लिया. सभी ने इस घटना की तीखी भर्त्सना करते हुए वहां के क़ानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये. डॉ. रीमा सरकार ने कहा कि अगर हम सुरक्षित नहीं तो बच्चों को कैसे कहीं भेजेंगे. उन्होंने इस मुद्दे पर महिलाओं को प्रतिरोध स्वरूप अपनी आवाज बुलंद करने को कहा. डॉ. सतीश ने कहा कि अगर इस बेटी को न्याय नहीं मिला तो किसी को कभी न्याय नहीं मिलेगा. वहीं डॉ. आभा ने कहा कि हमें अपनी बेटियों को न सिर्फ किताबी ज्ञान और डिग्री के लिए शिक्षा देनी है बल्कि उन्हें गलत के प्रतिकार के लिए भी ट्रेनिंग देनी होगी. आत्म सुरक्षा के लिए जुडो, कराटे तथा अन्य विधाओं का भी प्रशिक्षण देना होगा. डॉ. विनोद धारेवा ने भी संगठन के साथ साथ समाज के सभी वर्गों को इससे जोडने की बात कही और एकता बनाये रखने पर बल दिया. इस मौके पर आइएमए के अध्यक्ष डॉ. सुधांशु कुमार, पूर्व अध्यक्ष डॉ. एके. सिन्हा, डॉ. देवी राम, डॉ. मुकेश. डॉ. अंगद, डॉ. राकेश, डॉ. सुजीत मिश्रा, डॉ. एके. आर्या, डॉ. विजय राघवन, डॉ. एमके झा, डॉ. अजय कुमार, डॉ. आलोक, डॉ. दिलीप, डॉ. जकीर वसीम, डॉ. गोपाल ने भी अपनी संवेदना प्रकट करते हुए शाम को कैंडल मार्च निकाले जाने का निर्णय लिया.
………………..बोले मरीज
लीवर में सूजन की समस्या का यहां जीएमसीएच से इलाज चल रहा है. एक सप्ताह पहले शुक्रवार को आये थे अल्ट्रासाउंड, जांच आदि के बाद आज फिर से बुलाया गया था. इसी को लेकर दिखाने आये थे लेकिन हड़ताल है अब राखी के बाद ही आयेंगे.
जीतेंद्र गुप्ता, सरसी निवासीफोटो. 17 पूर्णिया 10
…………………..मां को दिखाना था लेकिन कल के हड़ताल की जानकारी मिली थी इस वजह से आज आये हैं पता करने. यहां आज भी हड़ताल ही है, संयोग है कि अकेले आये मां को लाते तो बेवजह उनको भी परेशानी होती. अगली दफा घर से ही पता करके आयेंगे गार्ड से मोबाइल नंबर ले लिए हैं. तारा चंद यादव, बनमनखी
फोटो. 17 पूर्णिया11फोटो – 17 पूर्णिया 12- मरीज को गोद में उठाकर ले जाते परिजन 13- सूना रहा जीएमसीएच का ओपीडी विभाग
14- खाली खाली रही फार्मेशी काउंटरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है