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कृषि विज्ञान केंद्र हलसी में धान के बीज के लिए 10 हेक्टेयर में की गयी खेती

जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में एक नहीं बल्कि अनेकों प्रकार के थोक भाव में बीज का उत्पादन किया जाता है.

लखीसराय. कृषि विज्ञान केंद्र हलसी बीज उत्पादन के लिए मशहूर हो चुका है. जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में एक नहीं बल्कि अनेकों प्रकार के थोक भाव में बीज का उत्पादन किया जाता है. कृषि विज्ञान केंद्र हलसी में इस बार 10 हेक्टेयर में विभिन्न किस्म के धान के बीज के उत्पादन के लिए खेती की गयी है. विज्ञान केंद्र परिसर में हाइब्रिड एवं दिसला बीज का उत्पादन कराया जा रहा है. 60 से 70 मन प्रति एकड़ धान बीज का उत्पादन हो जाता है. इस तरह प्रति वर्ष कृषि विज्ञान केंद्र में एक से डेढ़ सौ से अधिक मन प्रति हेक्टेयर धान के बीज का उत्पादन किया जाता है. कृषि विज्ञान केंद्र हलसी से बिहार के कोने-कोने तक बीज आपूर्ति किया जाता है. यहां तक की बिहार राज्य बीज निगम को भी कभी-कभी कृषि विज्ञान केंद्र हलसी के द्वारा बीज की आपूर्ति की जाती है.

धान, गेंहू, चना के बीज के अलावा केवीके में बागवान के भी पौधे किये जातै हैं तैयार

कृषि विज्ञान केंद्र में धान गेहूं एवं चना के बीज उत्पादन के अलावा अमरूद, नींबू, पपीता, आंवला आदि के पौधे तैयार किये जाते हैं. केंद्र परिसर में विभिन्न पौधों को तैयार कर उसे थोक भाव में बेचा जाता है. जिससे कि कृषि विज्ञान केंद्र में राजस्व की अधिक प्राप्ति होती है. कृषि विज्ञान केंद्र में धान, गेहूं एवं चना का बीज के उत्पादन से अच्छी राजस्व की प्राप्ति होती है. कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में ही उत्पादन के लिए पर्याप्त जमीन, मशीन एवं नर्सरी उपलब्ध है. वहीं किसी विज्ञान केंद्र में विभिन्न तरह के बीज का शोध भी किया जा रहा है.

प्रोसेसिंग व पैकिंग कर बीज निगम व यूनिवर्सिटी को करायी जाती है आपूर्ति

बीज का प्रोसेसिंग कर कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा बैग पैकिंग की जाती है. इसके बाद बीज का दूर-दूर तक आपूर्ति किया जाता है. बीज की एक सामानता, दूसरा बीज के दाना की छटनी के अलावा बीज के लंबे समय तक रखने के लिए रासायनिक पाउडर के अलावा बीज का पैकिंग आदि की व्यवस्था कृषि विज्ञान केंद्र में उपलब्ध है.

बोले अधिकारी

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सुधीर चंद्र कुमार ने बताया कि विज्ञान केंद्र हलसी में सभी प्रभेद के बीज का उत्पादन किया जाता है. बीज का उत्पादन कर शेखपुरा, नवादा, जमुई, मुंगेर, भागलपुर जिला को आपूर्ति किया जाता है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग प्रभेद का बीच उत्पादन का शोध किया जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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