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अलग राज्य के नाम पर राज्य को बेचनेवाले सत्ता पर काबिज

आजसू पार्टी का युवा सह नगर सम्मेलन, सुदेश महतो ने कहा

लोहरदगा. आजसू पार्टी का युवा सह नगर सम्मेलन पुराना नगर भवन में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो उपस्थित थे. केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो का कुडू के पास कार्यकर्ताओं ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया. इसके पश्चात पूर्व उपमुख्यमंत्री केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद झारखंड आंदोलनकारी पूर्व विधायक स्वर्गीय कमल किशोर भगत को प्रधान कार्यालय में माल्यार्पण करते हुए याद किया और अपना प्रेरणा स्रोत बतलाया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि आज की सरकार शुरू से ही झारखंड को बेचने का कार्य की है. सबसे पहले आंदोलन के नाम पर आंदोलन को बेची. आज झारखंड को बेच रही है. यहां युवा बेरोजगार है कोई सुध लेने वाला नहीं. आज कॉलेज में नि:शुल्क के जगह पर शुल्क लेकर पढ़ाया जा रहा है. गरीब गुरबा के होनहार विद्यार्थी इससे वंचित रह जा रहे हैं.यहां के स्थानीय विधायक पूर्व में डीआइजी रहे हैं. वर्तमान में सरकार के एक अहम पद पर हैं. वे वित्त एवं खाद आपूर्ति मंत्री हैं .परंतु आज तक पांच सालों में राशन कार्ड सही से नहीं बन पायी. विधि व्यवस्था पूरे राज्य की चरमरायी हुई है. राज्य में एवं लोहरदगा जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है. कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं जनता त्राहिमाम कर रही है, परंतु उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. यह सरकार बड़े-बड़े वादे कर बनी थी. परंतु एक भी वादा पूरे नहीं कर पायी. अब आखिरी समय में योजनाओं का झुनझुना पकड़ा रही है. जनता सब समझता है कोई किसी को बेवकूफ नहीं बना सकता. स्वर्गीय कमल किशोर भगत जब विधायक बने, तब बहुत सी योजनाओं को यहां उन्होंने शुरू कराया, जो आज अधर पर लटका है. हमें फिर से उनके सपनों को पूरा करने के लिए एक जुट होकर आगे आना होगा और इस सरकार को उखाड़ फेंकना होगा. इस सरकार में बैठे लोग शुरू में आंदोलन को बेच खाए और अब राज्य को बेचने का कार्य कर रहे है. भला हो स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का जिन्होंने यहां का दर्द समझा और उन्होंने इस राज्य को अलग राज्य का दर्जा देने का कार्य किया और आजसू के आंदोलन को तथा जनता के दुख तकलीफ को समझ कर झारखंड को अलग राज्य बनाया. यहां का दर्द यहां के सरकार को नहीं दिख रहा है. लेकिन हम धन्यवाद देंगे असम की सरकार को और खासकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा को जिन्होंने झारखंड से चाय बागान गये, हमारे आदिवासी भाई बहनों के लिए असम में अलग से मंत्रालय बनाया और उनको आरक्षण देने का कार्य किया. नीरू शांति भगत ने कहा कि आज हमें केके भगत के बताये रास्तों पर चलने की आवश्यकता है. उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना है और जिला को एक नयी ऊंचाई पर पहुंचना है. लोहरदगा चुनाव प्रभारी केंद्रीय सचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि यहां के युवाओं में परिवर्तन की भूख है, सभी लोग यहां से आजसू को देखना चाहते हैं.

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