छपरा. जैसे-जैसे शिक्षकों की काउंसेलिंग में प्रारंभिक शिक्षकों की संख्या बढ़ते जा रही है संदिग्ध और अनुपस्थिति की संख्या भी उसी रफ्तार में बढ़ते जा रही है. शुक्रवार को हुई काउंसेलिंग में 15 फीसदी शिक्षक गायब और संदिग्ध मिले. निर्धारित 250 शिक्षकों में से 211 ही काउंसेलिंग कराने में सफल हो पाए. शेष 39 में से 18 अनुपस्थित थे और 21संदिग्ध पाए गये. उनके कागजात पहले से अपलोड किए गए कागजात से मेल खाता नहीं दिखे और उनकी काउंसेलिंग में कुछ ना कुछ लेकिन लग गया. इस तरह 12 दिनों में एक बहुत बड़ा आंकड़ा सामने आया है जिसके तहत शिक्षकों ने काउंसेलिंग नहीं कराई जिन्हें संदिग्ध की श्रेणी में रखा गया ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग 222 है . अब इन शिक्षकों की काउंसेलिंग के लिए विभाग कौन सी रणनीति अपनाते हैं यह तो आने वाला समय बताएगा. या फिर कागजात गड़बड़ होने को लेकर कानूनी कार्रवाई भी शुरू हो जायेगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है कागजातों की जांच में पूरी तरह से प्रदर्शित बढ़ती जा रही है शायद यही कारण है कि गड़बड़ शिक्षा का अभ्यर्थी साइड हो जा रहे हैं.धनंजय कुमार पासवान, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, स्थापना, सारणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है