गिरिडीह.
गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल के प्रांगण में गिरिडीह जिले के सभी वनरक्षियों का धरना दूसरे दिन शनिवार को जारी रहा. राज्य उपाध्यक्ष सिकंदर पासवान ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली, 2014 में अहितकारी संशोधन करके झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली, 2024 बनाकर वनपाल के शत प्रतिशत प्रोन्नति के पद में कटौती करते हुए 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति करने के निर्णय के विरुद्ध में अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है. कहा कि प्रावधान है कि वनपाल के शत प्रतिशत पद प्रोन्नति से भरे जायेंगे.2014 के वनरक्षी नियुक्ति नियमावली के तहत वर्तमान में कार्यरत सभी वनरक्षियों की नियुक्ति हुई है. झारखंड के वनरक्षी अल्प वेतन-भत्ते और बिना किसी विशेष सुविधा के जंगलों की सुरक्षा एवं विकास तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं वन्य प्राणियों से लोगों की सुरक्षा सहित अन्य विभागीय कार्यों के लिए दुर्गम स्थानों पर दिन- रात लगे रहते हैं. विगत छह वर्षों से प्रभारी वनपाल के प्रभार के रूप में बिना किसी आर्थिक लाभ का कार्य रहे हैं. जान-माल की क्षति की संभावना हमेशा बनी रहती है. मौके पर जोनल मंत्री योगेंद्र प्रसाद, जिलाध्यक्ष संदीप मिश्रा, जिलामंत्री संजय महतो, कोषाध्यक्ष अमर कुमार विश्वकर्मा, प्रेस सचिव आलोक मोहन पांडेय, धनेश्वर कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है