Finance Minister : शनिवार को निर्मला सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विकासशील देश विकास निधि की कमी के कारण अपने सतत विकास लक्ष्यों (SDG) तक पहुँचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने $4 ट्रिलियन वार्षिक फंडिंग अंतर को पाटने की आवश्यकता पर जोर दिया. तीसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ ऑनलाइन सम्मेलन में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि हाल की रिपोर्टें दिखाती हैं कि इन देशों में कई SDG पर प्रगति धीमी हो रही है, और कुछ उपाय तो पीछे भी जा रहे हैं.
इन बातों पर दिया जोर
सीतारमण ने बताया कि विकासशील देशों को अपने एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हर साल करीब 4 ट्रिलियन डॉलर की जरूरत है. उन्होंने बताया कि ग्लोबल साउथ वैश्विक अनिश्चितताओं के प्रभाव को महसूस कर रहा है. विश्व बैंक की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, महामारी से पहले की तुलना में इस साल के अंत तक चार में से एक विकासशील देश की स्थिति बदतर हो सकती है. उन्होंने कहा, “हमें विकास और गरीबी से लड़ने में वास्तव में बदलाव लाने के लिए अधिक विकास की आवश्यकता है. सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति को गति देने के लिए 4 ट्रिलियन डॉलर के अंतर को दूर करना महत्वपूर्ण है.”
Also Read : Share Market : डिफेंस की यह कंपनियां बनेंगी रॉकेट, जल्द होगा धमाका
देशों को सहायता की जरूरत
वित्त मंत्री ने बताया कि भारत के जी-20 नेतृत्व के दौरान, सामाजिक प्रभाव उपकरण, मिश्रित वित्त पद्धतियों, निगरानी प्रणालियों और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों का उपयोग करने के लिए एक बड़ा प्रयास किया गया था. उन्होंने बताया कि सतत वित्त के लिए जी-20 तकनीकी सहायता कार्य योजना बनाने में योगदान दिया है, जिसे ब्राजील वर्तमान में क्रियान्वित कर रहा है. इस योजना का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवश्यकताओं के अनुसार सतत वित्त को आगे बढ़ाना है. बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधारों के बारे में सीतारमण ने विकासशील देशों को उनके विकास लक्ष्यों तक पहुँचने में बेहतर सहायता प्रदान करने के लिए इन संस्थानों में व्यापक बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया.
Also Read : Mastercard : इस कंपनी के कर्मचारियों की जा सकती है नौकरी, बताई वजह
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.