19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Utpal Death Anniversary: इमरजेंसी के दौरान उत्पल दत्त के इन 3 नाटकों पर लगा था बैन

Utpal Dutt Death Anniversary: उत्पल दत्त सिनेमा इंडस्ट्री के जाने माने कॉमिक एक्टर थे. उन्होंने इंडस्ट्री में कई फिल्मों में काम किया, जिसे आज भी दर्शक काफी पसंद करते हैं.

Utpal Dutt Death Anniversary: गोलमाल, नरम गरम, शौकीन, साहेब जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आने वाले एक्टर और डायरेक्टर उत्पल दत्त की आज 95वीं डेथ एनिवर्सरी है. उत्पल दत्त का जन्म 19 मार्च 1929 को बंगाल के बरिसल जिले में हुआ था. वह एक जबरदस्त एक्टर थे. एक्टर ने आज से 31 साल पहले 19 अगस्त,1993 को दुनिया 64 साल की उम्र में अलविदा कह दिया था. वह भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन आज भी वह अपनी दमदार एक्टिंग और फिल्मों से आज भी फैंस के दिलों में राज करते हैं. ऐसे में इस मौके पर आज हम उनके कुछ चर्चित किस्सों को याद करेंगे.

बंगाली और अंग्रेजी थिएटर से जुड़े

उत्पल दत्त ने अपनी स्कूली पढ़ाई शिलांग से पूरी की. इसके बाद वह हायर एजुकेशन के लिए कोलकाता आ गए थे. यहां उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से इंग्लिश लिटरेचर की पढ़ाई की और उसके बाद बंगाली और अंग्रेजी थिएटर से जुड़ गए थे. एक्टर ने यहीं से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की.

Also Read: Kangana Ranaut ने अपने मैरिज प्लांस पर किया खुलासा, कहा ‘एक साथी होना…’

Also Read: Stree 2 में राजकुमार राव ने खूब हंसाया, तो OTT पर एक्टर की इन कॉमेडी फिल्मों को बिल्कुल न करें मिस

उत्पल दत्त की फिल्में

उत्पल दत्त अपनी कॉमेडी फिल्मों के लिए मशहूर थे. उन्होंने सिनेमा जगत में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया जैसे गुड्डी, गोलमाल, नरम गरम, रंग बिरंगी और शौकीन. बता दें कि एक्टर को गोलमोल, नरम गरम और रंग बिरंगी के लिए फिल्म फेयर बेस्ट कॉमेडियन अवार्ड भी मिला था. इसके अलावा उत्पल दत्त अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘द ग्रेट गैंबलर, इन्कील्लाह’ और बरसात की रात जैसी फिल्मों में विलेन का किरदार निभा चुके हैं.

Also Read: Sunil Dutt Death Anniversary: कभी कंडक्टर की नौकरी कर चुके थे सुनील दत्त, इन दो वजहों से जीवन से हार गए

उत्पल दत्त की कई नाटकों पर हुए विवाद

उत्पल दत्त एक क्रांतिकारी विचार वाले कलाकार थे. उनकी कई ऐसी फिल्में हैं, जो सीधा सरकार पर निशाना साधती थे. जितना उनकी इन फिल्मों को दर्शकों से सराहना मिलती थी, उतनी ही फटकार सरकार से. यहां तक कि उनकी कई नाटकों पर भी बहुत विवाद हुए थे. इसकी वजह से उन्हें साल 1965 में कई महीनो के लिए जेल जाना पड़ा था. जिसके दो साल बाद साल 1967 में पश्चिम बंगाल के विधान सभा चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार से हट गई. वहीं, उनकी तीन नाटकों पर इमरजेंसी के दौरान बैन लगा दिया गया था. इनमें बैरिकेड, सिटी ऑफ नाइटमेयर्स और इंटर द किंग शामिल थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें