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samastipur news: रक्षा बंधन आज, शुभ मुहूर्त दोपहर 1:30 से 4:03 तक रहेगा, कैसे मनाएं त्योहारहिंदू पंचांग इस पर्व के बारे में क्या कहता है? पढ़िए….. पूरी रिपोर्ट

भाई-बहन का पावन पर्व रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षा बंधन पर 5 शुभ योग एक साथ बन रहे हैं, जो इस त्योहार की शुभता को और बढ़ा रहे हैं.

समस्तीपुर : भाई-बहन का पावन पर्व रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षा बंधन पर 5 शुभ योग एक साथ बन रहे हैं, जो इस त्योहार की शुभता को और बढ़ा रहे हैं. पंडित राजेंद्र झा ने बताया कि रक्षाबंधन पर 5 शुभ योग एक साथ आने से विशेष संयोग बना है. रक्षाबंधन इस बार सावन के आखिरी सोमवार को है. इसके अलावा इस दिन 4 अन्य शुभ योग भी मौजूद रहेंगे. इस बार का रक्षाबंधन सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, रवि योग और सौभाग्य योग के बीच मनाया जाएगा. इसके साथ ही इस दिन श्रवण नक्षत्र का भी अद्भुत संयोग बन रहा है. हालांकि इस दिन भ्रदा का साया भी रहेगा. भ्रदा पाताल लोक में रहेगी, इसलिए भ्रदा का अशुभ प्रभाव मान्य नहीं होगा. पंडित श्री झा के अनुसार, हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं. अक्सर देखा गया है कि राखी के इस त्योहार पर भ्रदा का साया पड़ जाता है, जिससे राखी बांधने का समय कम हो जाता है. दरअसल, भ्रदा काल में रक्षाबंधन का पर्व मनाना अशुभ माना जाता है. यही कारण है कि जब भी भ्रदा काल पड़ता है, बहनें शुभ मुहूर्त पर ही राखी बांधती हैं. इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ ही भ्रदा की शुरुआत होगी, जो दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगी. लेकिन इसका प्रभाव दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस दौरान रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:30 से रात 9:07 तक रहेगा. कुल मिलाकर, शुभ मुहूर्त 7 घंटे 37 मिनट का रहेगा. साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है, क्योंकि पूर्णिमा तिथि होने के कारण यह तिथि महालक्ष्मी की पूजा से जुड़ी मानी जाती है. इस बार भ्रदा 18 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट से लग जाएगी और अगले दिन 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगी. रक्षाबंधन के दिन भ्रदा का साया रहेगा, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार भ्रदा पाताल में रहेगी, इसलिए उसका उतना असर नहीं होगा, और जब चाहें राखी बांध सकते हैं. लेकिन राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 1:30 से 4:03 तक रहेगा. उसके बाद शाम में भी बहनें अपने भाइयों को 6:39 से 8:52 तक राखी बांध सकती हैं. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार सावन पूर्णिमा को अक्षत, पीला सरसों, दूब और स्वर्ण खंड या पीला सिक्का को नए पीला रेशमी या सूती वस्त्र में बांधकर कलाई में बांधने तक वस्त्र या मौली को जोड़कर रखे. फिर ॐ नमो नारायणाय व ॐ नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र से उस राखी की रोली, अक्षत, फूल, धूप, दीप एवं प्रसाद से पूजा कर मंत्रोच्चार करते हुए बांधने से सर्वदा मंगल होता है.

राशि के अनुसार शुभ रहेंगे राखी

मेष: लाल, केसरिया या पीला रंग की राखी

वृष: नीले रंग या चांदी की राखी

मिथुन: हरे रंग की राखी

कर्क: सफेद धागे या मोती से निर्मित राखी

सिंह: गुलाबी, लाल या केसरिया रंग की राखी

कन्या: सफेद या हरे रंग की राखी

तुला: फिरोजी या जामुनी रंग की राखी

वृश्चिक: लाल रंग की राखी

धनु: पीले रंग की राखी

मकर: गहरे लाल रंग की राखी

कुंभ: रुद्राक्ष से निर्मित राखी

मीन: पीला या सफेद रंग की राखी

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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