छपरा
. शोध छात्र संगठन आरएसए की छात्रा इकाई द्वारा संगठन के कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. संगठन की छात्र नेत्री श्रुति पांडेय ने बताया कि स्नातक सत्र 2020-23 द्वितीय खंड का अंक प्रमाण पत्र महाविद्यालय में भेजा जा रहा है. लेकिन उसमें काफी गड़बड़ी है. राज्य सरकार के दबाव में गत वर्ष रिजल्ट का प्रकाशन आधा-अधूरा किया गया. उस जितने छात्रों ने परीक्षा दी थी. उनमें से महज फीसदी का ही रिजल्ट ही तैयार हो पाया था. उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन से और रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी यूएमआइएस के बीच में भुगतान को लेकर विवाद हो जाने से काम ठप हो गया था. जब कुलपति प्रो बाजपेई ने पदभार ग्रहण किया तो उक्त कंपनी से रिजल्ट से सम्बंधित डाटा की मांग की. उक्त एजेंसी ने आधा अधूरा डाटा दे दिया. अब उसी डाटा के आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 95% छात्र-छात्राओं को अब्सेंट, फेल व जीरो मार्क्स देकर अंक पत्र महाविद्यालय में भेजा गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक तृतीय खंड सत्र 2020-23 का परीक्षा प्रपत्र भरने का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. अब छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति है कि स्नातक द्वितीय खंड का जो बिना मार्क्स इंट्री किये अंक पत्र रिलीज किया गया है. उसके आधार पर स्नातक तृतीय खंड का परीक्षा प्रपत्र कैसे भरेंगे. छात्र नेत्री शिवानी पांडे गर्ग ने कहा कि वर्तमान कुलपति पूरी तरह से प्रशासनिक रूप से फेल हैं. भ्रष्टाचार के मामले में चार्जसिटेड कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पद दिया जा रहा है. ईशा मिश्रा ने कहा कि स्नातक प्रथम खंड की परीक्षा हुए आठ माह से अधिक हो गये. आखिर क्या कारण है कि अभी तक रिजल्ट का प्रकाशन नहीं हो रहा है। सितंबर माह में विश्वविद्यालय में आरएसए संगठन बहुत बड़ा आंदोलन प्रारंभ करेगी. शालू कुमारी ने कहा कि स्नातक तृतीय खंड के परीक्षा प्रपत्र भरने का नोटिफिकेशन जो परीक्षा नियंत्रक प्रो कमल ने जारी किया है. उसमें परीक्षा शुल्क में वृद्धि की गयी है. परीक्षा फॉर्म के शुल्क के साथ ही डिग्री का भी शुल्क लिया जा रहा है. इसके पहले स्नातक सत्र 2019-22 के परीक्षा फॉर्म भरने के समय भी डिग्री के लिए राशि की गयी थी. लेकिन रिजल्ट आने के बाद आजतक डिग्री रिलीज नहीं हुई.
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