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शहर की कई गलियां बनी हुई हैं तालाब

शहर की कई गलियां तालाब का रूप लेते जा रहा है. रामचंद्रपुर के नालंदा कॉलोनी से लेकर खलिहानीपर तक निर्माण एजेंसी की मनमानी और ईंट-बालू लदा वाहनों से सड़क जानलेवा बन रहा है.

बिहारशरीफ. शहर की कई गलियां तालाब का रूप लेते जा रहा है. रामचंद्रपुर के नालंदा कॉलोनी से लेकर खलिहानीपर तक निर्माण एजेंसी की मनमानी और ईंट-बालू लदा वाहनों से सड़क जानलेवा बन रहा है. आधा किलोमीटर के इस मार्ग में करीब तीन दर्जन छोटे-बड़े खतरनाक गड्ढे हैं, जाे धीरे-धीरे तालाब का स्वरूप लेता जा रहा है. हल्की बारिश के महीनों बाद इस मार्ग में जहां-तहां घुटनों भर पानी जमा हो जाता है. इससे स्थानीय लोगों में बीमारी फैलने का भय व्याप्त होने लगा है. स्थानीय कुछ लोगों का कहना है कि वार्ड-22 में वर्षों से समूचित विकास नहीं हुआ है. नाला व निकास मार्ग के अभाव में कई मोहल्लों के मकान व शौचालयों का गंदा पानी सड़कों पर बहता है. स्थानीय वार्ड-22 के निवासी बताते हैं कि नालंदा कॉलोनी से लेकर खलिहानीपर तक के मार्ग दिन-ब-दिन बदहाल होते जा रहे हैं. गत वर्ष इस क्षेत्र में स्मार्ट सिटी परियोजना से नाला व सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली है. इसमे सबसे पहले नाला का निर्माण कराया जाना है. इसके बाद मिंतु बस स्टैंड के पास नालंदा कॉलोनी से लेकर रांची रोड स्थित सामुदायिक भवन से खलिहानीपर तक सड़क का निर्माण होना है. इसमें मापी कर अतिक्रमण हटाने का काम भी अब तक शुरू नहीं हुआ है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि सबसे पहले नाला व सीवरेज का निर्माण का काम होगा. इसके बाद सड़क निर्माण होना है. तब मापी होगी. लोगों का कहना है कि नालंदा कॉलोनी से खलिहानीपर तक मार्ग से वार्ड-22, 21, 23 के कई मोहल्ले के हजारों लोगों का प्रतिदिन आना-जाना होता है. फिर भी जनप्रतिनिधि की खामोशी, निर्माण एजेंसी की मनमानी और ईंट-बालू लदे वाहनों के आने-जाने से यह मार्ग धीरे-धीरे तालाब का रूप ले लिया है. इससे पैदल चलना मुश्किल हो गया है. आधा किलोमीटर से कम दूरी वाले इस मार्ग में छोटे-बड़े करीब तीन दर्जन गड्ढे हैं, जो अब तालाब का रूप लेता जा रहा है. कहीं आधा तो कहीं एक-एक फुट तक गहरे गड्ढेनुमा तालाब से लोग आने -जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं. हल्की बारिश होने के 15 दिन से एक माह तक इस मार्ग में जहां-तहां पानी और कीचड़ जमा रहता है. लोगों का कहना है कि कई मोहल्ले में नाला व निकास मार्ग नहीं है, जिसके कारण घरों व शौचालय से निकलने वाले गंदा पानी बीच सड़कों पर बहता है. इससे स्थानीय लोगों में संक्रमण और बीमारी फैलने का भय व्याप्त है. क्या कहते हैं शहरवासी- निर्माण एजेंंसी के खिलाफ करेंगे आवाज बुलंद- वार्ड-22 के कई मोहल्लों में वर्षों से विकास कार्य अवरूद्ध था. हर परिवार तक नली-गली, सड़क-पानी जैसी बुनियादी सुविधा की व्यवस्था समुचित रूप से नहीं की जा रही थी. इसको देखते हुए नगर निगम के चुनाव में गोलबंद होकर लोगों ने नये उम्मीदवार को जिताया है. नये जनप्रतिनिधि जीतने के बाद कुछ विकास कार्य की पहल की है, लेकिन अब नालंदा कॉलोनी से खलिहानीपर तक की सड़क व नाला निर्माण कार्य में तेजी लाने रुचि नहीं दिखा रहे हैं. कुछ दिन और देखते हैं. इसके बाद मोहल्लेवासी एकजुट होकर निर्माण एजेंसी के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे. -विकास कुमार उर्फ गांधीजी, निवासी वार्ड-22 प्रतिदिन गिरकर जख्मी हो रहे राहगीर- नालंदा कॉलोनी से खलिहानीपर तक का मार्ग खतरनाक बन गया है. कहीं निर्माण एजेंसी तो कहीं ईंट-बालू लदा ट्रैक्टर से सड़क जहां-तहां गड्ढा-गड्ढा हो गया है. पानी से भरा गड्ढा की गहराई पता नहीं चलता है. ऐसे में बाइक, स्कूटी, टोटो व पैदल चलने वाले राहगीर एकाएक अनुमान से अधिक गहराई में जाने से गिरकर जख्मी हो जाते हैं. इस मार्ग से प्रतिदिन कई वार्डों के हजारों लोगों का आना जाता होता है, जिसमें करीब प्रतिदिन तीन से पांच लोग गिरकर जख्मी या कीचड़ से गंदे हो जाते हैं. फिर भी जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी निर्माण कार्य में तेजी लाने की पहल नहीं कर रहे हैं. -विजय कुमार, बैंक कर्मी व निवासी वार्ड-22 प्रतिदिन गंदा हो रही बच्चों की ड्रेस- नालंदा कॉलोनी से खलिहानीपर तक का मार्ग कहीं कीचड़मय तो कहीं तालाबनुमा गड्ढे बने हुए हैं. इसके बीच से प्रतिदिन सैकड़ों स्कूली बच्चों को निजी व सरकारी स्कूलों में आना-जाना होता है. नतीजतन कीचड़ व गंदे पानी से स्कूली बच्चों का ड्रेस प्रतिदिन गंदी हो जाती हैं. साथ ही आये दिन स्कूली वाहन भी जहां-तहां गड्ढे में फंस रहे हैं, जिसके कारण कई स्कूल के वाहन चालक मोहल्ले में बच्चों के लेने आने से इंकार करना शुरू कर दिया है. लंबे समय तक गंदा पानी सड़कों पर जहां तहां जमे रहने से बीमारी का भी भय बना रहता है. फिर भी इसके प्रतिदिन कोई अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं दिख रहे हैं. -टिंकू कुमार, शिक्षक व निवासी वार्ड-22 क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि- वार्ड-22 में प्राथमिकता के आधार पर मोहल्ले वार समस्याओं को चिन्हित कर उसे दूर करने के लिए नगर निगम बोर्ड की बैठक में दिया गया है. उत्तरी गांधी नगर में जल निकासी के लिए नाली का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. नालंदा कॉलोनी से खलिहानीपर तक नाला व सड़क निर्माण के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना से काम चल रहा है. निर्माण एजेंसी का धीमा निर्माण कार्य की शिकायत वरीय अधिकारी से की गई है. इस मार्ग के नाला निर्माण में कई लोग अपने मकान के आगे निर्माण कार्य पर रोक लगा रहे हैं. वार्ड पार्षद घर के आगे ही तालाबनुमा गड्ढे हैं, जिसमें पूरे बरसात गंदा पानी जमा रहता है, जिसमें तत्काल ईंट गिराने की मांग नगर निगम से की गई है. आमलोगों की समस्याओं को जानने के लिए मोहल्ले वार भ्रमण करते हैं. -सच्चिदानंद प्रसाद, वार्ड पार्षद, वार्ड-22

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