शनिवार की रात 12 से 15 हाथियों का झुंड क्षेत्र में डेरा जमाये
प्रतिनिधि, चांडिल/चौकाईचागढ़ प्रखंड के कुटाम गांव के चोगाटांड़ में शनिवार की रात 20 वर्षीय मादा हाथी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गयी. मृत हाथी को देखकर लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. मौके पर वनरक्षी कैलाश चंद्र महतो पहुंचे व इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दी. मौत के कारण का पता नहीं चल पाया है. शव के पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सक की टीम पहुंची है. ग्रामीणों का कहना है कि खेत में लगे धान की फसल में कीटनाशक दवा देने के कारण धान के पौधे को खाने से हाथी की मौत हुई होगी. मालूम हो कि बीते शनिवार रात को 12 से 15 की संख्या में जंगली हाथियों का झुंड पहुंचा था. झुंड कुटाम पहाड़ में डेरा जमाये हुए है. इधर, रविवार की सुबह हाथी के शव के पास लोगों ने अगरबत्ती जलाकर पूजा-अर्चना की.
टीम ने पेट से मरे हुए बच्चे को निकाला
इधर, पशु चिकित्सकों की टीम ने जब हथिनी के शव का पोस्टमार्टम किया तो पता चला कि वह गर्भवती थी. टीम ने उसके पेट से मरे हुए बच्चे को निकाला. पोस्टमार्टम के बाद हथिनी के जरूरी अंग को फोरेंसिक जांच के लिए रांची भेजा गया है. पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद मृत हाथी व उसके बच्चे के शव को जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना दिया गया.इस साल अबतक तीन हाथियों की हो चुकी है मौत
बीते जनवरी माह में नीमडीह के आंडा गांव में कुएं में गिरने से एक हाथी की मौत हुई थी. उसके बाद जून माह में कुकड़ू में ट्रेन से कटकर मादा हाथी की मौत हो गयी थी. अब अगस्त में ईचागढ़ में एक मादा हाथी की मौत हो गयी है. मालूम हो कि अपनी मांगों को लेकर 16 अगस्त से वनरक्षी अनिश्चितकालीन धरना पर हैं. धरना पर रहने से हाथियों की देखरेख सही तरीके से नहीं हो पा रही है.पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का चलेगा पता
हाथी की मौत के कारण का पता नहीं चल पाया है. विभाग अपने स्तर से पता कर रहा है. हाथी के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का असली कारण पता चल पायेगा.
-मैनेजर मिर्धा, रेंजर
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