कोलकाता. ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाले जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के एक पूर्व छात्र ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए विश्वविद्यालय को 2.2 करोड़ रुपये दान किये हैं. इस छात्र स्वपन चक्रवर्ती ने वर्ष 1974 में जेयू के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग से स्नातक किया था. बाद में वह सहायक प्रोफेसर बन गये. प्रोफेसर स्वप्न चक्रवर्ती ने कहा कि एआइ के क्षेत्र में अनुसंधान विश्वविद्यालय की छवि को बढ़ायेगा और उद्योग का ध्यान आकर्षित करेगा. वर्ष 1992 में पर्थ की कर्टिन यूनिवर्सिटी से एआइ में स्नातकोत्तर करनेवाले इस पूर्व छात्र ने पिछले महीने के अंत में राशि दान करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये. प्रो चक्रवर्ती ने बताया : एआइ को मैंने 1992 में अपनाया था, लेकिन आज एआइ ने सभी क्षेत्रों में सर्वोच्चता प्राप्त कर ली है. जेयू से जुड़े पूर्व छात्रों को इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि भविष्य एआइ का है. उद्योग केवल तभी परिसर तक पहुंचता है, जब संस्थान एआइ जैसे उन्नत अनुशासन में काम करता है. विभिन्न कॉरपोरेट घरानों के साथ काम करनेवाले प्रोफेसर चक्रवर्ती ने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ जो समझौता किया है, उसमें कहा गया है कि योगदान का उपयोग प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दो जेयू छात्रों (किसी भी विषय में मास्टर या पीएचडी करने वाले) को वित्तीय सहायता देने के लिए किया जायेगा. इस राशि का उपयोग एआइ के क्षेत्र में अन्य संस्थानों के साथ सहयोगी अनुसंधान के लिए भी किया जायेगा, जिससे जेयू को शैक्षणिक और बौद्धिक लाभ प्राप्त होगा. दान की गयी राशि का शेष हिस्सा स्नातक छात्रों और किसी भी अन्य स्नातकोत्तर छात्रों को वित्तपोषित करने के लिए विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग किया जायेगा. जेयू के संयुक्त रजिस्ट्रार संजय गोपाल सरकार ने जानकारी दी कि प्रो. स्वपन चक्रवर्ती की मां साधना चक्रवर्ती की स्मृति में इस योगदान से एक पुरस्कार दिया जायेगा. प्रो चक्रवर्ती ने कहा कि इन दिनों मानविकी के क्षेत्र में एआइ का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है, इसलिए, किसी भी विषय के छात्र दान से एआइ में शोध कर सकते हैं. जो कुछ भी अर्जित किया है, उसमें जेयू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, इसलिए वह छात्रों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं. कई कॉलेज और विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं, जो तेजी से प्रतिभाशाली छात्रों के बीच सबसे अधिक मांग वाले विषयों के रूप में उभर रहे हैं. ऐसा तब होता है, जब कोई संस्थान अत्याधुनिक तकनीकों के क्षेत्र में काम करता है. फिर उद्योग उनसे परामर्श लेने के लिए परिसर में आते हैं. जेयू को भी इस दिशा में काम करना चाहिए. कई संस्थानों ने 2024-25 शैक्षणिक वर्ष से एआइ और डेटा साइंस में एमएससी पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है.
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