सोमवार को सावन की अंतिम सोमवारी के साथ रक्षाबंधन का भी शुभ संयोग है. देवों के देव महादेव को समर्पित श्रावण मास की अंतिम व पांचवीं सोमवारी को लेकर कोयलांचल के शिवालयों में विशेष तैयारी की गयी है. सोमवारी को भक्त शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे. भूईंफोड़ मंदिर, शिव शक्ति मंदिर, शक्ति मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर, भूतनाथ मंदिर मटकुरिया समेत सभी मंदिरों में कहीं रूद्राभिषेक, तो कहीं बाबा भोले के विशेष शृंगार होगा. इस बार का श्रावण मास विशेष संयोग लेकर आया है. सोमवार से सावन की शुरूआत हुई थी और समापन भी सोमवार को हो रहा है. इसी दिन भाई बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन भी है. श्रावण की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. बहनें भाई को राखी बांधने से पहले भगवान के पास राखी रखकर भाइयों की लंबी आयु, स्वास्थ जीवन और उन्नति के लिए प्रार्थना करती हैं. उसके बाद भाई की ललाट पर तिलक लगाकर आरती उतारती हैं. रेशम की डोर के साथ स्नेह बांधती हैं.
बहनों ने खरीदी राखी :
रक्षाबंधन को लेकर रविवार को बाजार में बहनों की खूब भीड़ दिखी. रंग-बिरंगी राखियों से बाजार गुलजार है. बहनों ने अपनी पंसद की राखी खरीदी और मेहंदी भी लगवायी.राखी बांधने का मंत्र :
””येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:सुबह खुल जायेंगे शिवालयों के पट :
अंतिम सोमवारी व श्रावण की पूर्णिमा पर शिवालयों के पट सुबह पांच बजे खोल दिये जायेंगे. भोलेनाथ का शृंगार, बेलपत्र अकवन के फूलों से किया जायेगा. भूईंफोड़ मंदिर में दिन भर पट खुला रहेगा. श्रीश्री 1008 बाबा भूतनाथ महादेव मंदिर मटकुरिया में बाबा का विशेष शृंगार किया जायेगा. मंदिर की साज सज्जा की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है