UP News: उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने नई मेरिट सूची बनाने का आदेश सुनाया है. इस फैसले के आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्तिथ सीएम आवास पर एक बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग को हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय के अनुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सीएम योगी ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.
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सीएम योगी ने कहा किसी भी अभ्यर्थी के साथ नहीं होना चाहिए अन्याय
सीएम आवास पर हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”69,000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आज माननीय न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने हेतु विभाग को निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए एवं किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए.”
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नौकरी कर रहे लगभग 6000 लोगों पर दिखेगा इस निर्णय का प्रभाव
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट एक खंडपीठ द्वारा आदेश आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने तेजी से क्रियान्वयन शुरू कर दिया है. अब आगे यदि बेसिक शिक्षा विभाग नई सूची बनाता है तो इससे लगभग 5000 से 6000 नौकरी कर रहे लोगों पर असर पड़ेगा. बताते चलें कि इस मामले में सिंगल बेंच में सरकार की ओर से जनवरी 2022 में आरक्षित वर्ग के 6800 प्रभावित अभ्यर्थियों की सूची दी गई थी. लेकिन बाद में सिंगल बेंच ने इसे भी निरस्त कर दिया था और नई सूची बनाने का आदेश दिया था.