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Kolkata Doctor Murder : आखिर क्यों सोमवार सुबह फिर सीबीआई के समक्ष पेश हुए संदीप घोष

Kolkata Doctor Murder : सीबीआई के अधिकारी मामले की जांच के तहत घोष से कई सवालों का जवाब जानना चाहते हैं.

Kolkata Doctor Murder : कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु (पीजीटी) चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जुटा हुआ है. इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल डॉ संदीप घोष उक्त मामले में सोमवार को लगातार चौथे दिन भी सीबीआई के समक्ष पेश हुए. वह सोमवार सुबह करीब 10:23 बजे सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंचे. वह इसके पहले यानी रविवार की सुबह करीब 10.40 बजे सीबीआइ कार्यालय पहुंचे थे. उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. वह अपने साथ कुछ दस्तावेज भी लाये थे. आज भी वह पत्रकारों से बात नहीं की.

फोन के कॉल डिटेल्स और चैट की जानकारियां जुटाने की प्रक्रिया शुरु

मामले की जांच के तहत सीबीआई के अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल घोष के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल्स व चैट की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, घोष के मोबाइल फोन की जांच के लिए उसे फोरेंसिक विभाग को भेजा गया है, ताकि डिलिट किये गये चैट, कॉल रिकॉर्डिंग व अन्य तथ्यों का पता चल सके. साथ ही अधिकारी घोष के मोबाइल फोन की ‘कॉल डिटेल’ और डेटा उपयोग की जानकारियां प्राप्त करने के लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदाता से संपर्क करने पर विचार कर रहे हैं. सीबीआई के अधिकारी यह भी जानना चाहते हैं कि जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना के पहले व बाद में घोष की फोन पर किससे बात हुई थी. घटना के बाद उन्होंने किसके साथ बैठक की थी.

कई सवालों का जवाब जानना चाहती है सीबीआई

सीबीआई के अधिकारी मामले की जांच के तहत घोष से कई सवालों का जवाब जानना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के अधिकारियों ने रविवार को उनसे यह जानने की कोशिश की थी कि जूनियर महिला चिकित्सक की मौत की सूचना मिलने के बाद उन्होंने क्या किया था? उन्होंने किससे-किससे संपर्क किया? महिला चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया कि उन्होंने परिवार को सूचित करने का निर्देश किसे दिया था और कैसे और किसने पुलिस से संपर्क किया था. मृतका के परिजनों को कथित तौर पर किसने जूनियर महिला चिकित्सक की आत्महत्या करने की बात बतायी थी.

डाॅक्टर को आखिर क्यों 36 घंटे या कभी-कभी 48 घंटे की दी जाती थी ड्यूटी

मृतका के माता-पिता को लगभग तीन घंटे तक कथित इंतजार क्यों करवाया गया था? चिकित्सक की मौत की घटना सामने आने के बाद भी अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग में सेमिनार हॉल के पास के कमरों के जीर्णोद्धार का आदेश क्यों दिया था? क्या इसके पीछे किसी की साजिश थी या अपराध छिपाने की कोशिश की गयी थी? घोष से पीड़िता के साप्ताहिक ‘रोस्टर’ के बारे में भी पूछा गया, जिसके अनुसार पीड़िता चिकित्सक की अस्पताल में 36 घंटे या कभी-कभी 48 घंटे तक की ड्यूटी लगायी गयी थी. सीबीआई ने सवालों के जवाब से हत्या के मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है.

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क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी या योजना

अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी या पहले से इसकी योजना बनायी गयी थी. सीबीआई यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या पूर्व प्रिंसिपल भी चिकित्सक की मौत में किसी रूप से जुड़े हुए हैं? क्या उनका भी इस हत्या में कोई भूमिका है? सूत्रों की मानें, तो पूर्व प्रिंसिपल घोष के जवाब में अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं. इसलिए उनसे बार-बार पूछताछ की जा रही है. सीबीआई जांच में मिले तथ्यों को लेकर भी उनसे कई सवालों का जवाब जानना चाह रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा पूछे गये सवालों में घोष के कुछ जवाब घुमावदार थे. सीबीआई के अनुसार, घोष के जवाबों का मिलान वारदात की रात को चेस्ट मेडिसिन विभाग में ड्यूटी पर मौजूद अन्य चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं के बयानों से किया जायेगा.

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घटना के बाद से जांच के रडार पर हैं पूर्व प्रिंसिपल

आरजी कर अस्पताल की जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद से ही संदीप घोष का नाम सामने आ रहा है. घटना के बाद से ही प्रदर्शनकारी जूनियर चिकित्सकों ओर से आशंका जतायी गयी है कि घोष काफी प्रभावशाली हैं और वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं. उनके इस्तीफे की मांग भी की जाने लगी. पिछले सोमवार को मामले को लेकर जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के दबाव में घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद से अपना इस्तीफा राज्य स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था. हालांकि, कुछ घंटों बाद ही उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया, लेकिन वहां भी उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इसके बाद कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर घोष अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर चले गये. इसके बाद गत शुक्रवार को अपराह्न सीबीआई के अधिकारी घोष को अपने वाहन में बैठा कर साॅल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय ले गये थे, जब वह कलकत्ता हाइकोर्ट से लौट रहे थे. तब से सीबीआई की पूछताछ की प्रक्रिया जारी है.

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