झूलन यात्रा भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक सहरसा . भारतीय संस्कृति में चातुर्मास्य के शुरू होते ही पर्व त्योहार की गूंज शुरू होती है. सावन महीने में पर्वों की धूम रहती है. इसमें सावन पूर्णिमां के दिन रक्षाबंधन व झूलन महोत्सव का आयोजन पूरे भक्ति भाव से किया जाता है. शहर के शंकर चौक स्थित रामजानकी ठाकुरबाड़ी व महावीर चौक स्थित महावीर मंदिर परिसर में झूलन पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के झूलन महोत्सव में दर्शन पूजन कर लाभ उठा रहे हैं. शंकर चौक ठाकुरबारी मंदिर व्यवस्थापक रंजीत दास ने बताया कि सावन शुक्ल तृतीया से पूर्णिमा तक झूलन महोत्सव मनाया जाता है. इस उत्सव में भगवान लड्डू गोपाल को झूले पर रखा जाता है. वही मंदिर में प्रतिदिन भगवान की आकर्षक झांकियां लगती है. साथ ही प्रतिदिन अलग-अलग वस्त्र व आभूषणों से शृंगार किया जाता है. लोग भगवान को बारी-बारी से झुलाते हैं व आकर्षक छवि का दर्शन कर पुण्य के भागी बनते हैं. उन्होंने बताया कि मंदिर में भजन कीर्तन की प्रस्तुति भी की जाती है. उन्होने बताया कि महोत्सव में प्रतिदिन भगवान को माखन मिश्री सहित अन्य व्यंजनों का भोग लगाकर झूला झुलाकर आरती एवं प्रसाद वितरण का क्रम रक्षाबंधन तक चलता है. इस महोत्सव में प्रतिदिन भगवान का नित्य नूतन श्रृंगार कर झांकी बनाई जाती है. इस अवसर पर अन्य मुर्तियों के साथ विशाल शिवलिंग का निर्माण किया गया है. वहीं महावीर चौक मंदिर में भी झूलन उत्सव मनाया जा रहा है. मंदिर के पंडित ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी झूलनोत्सव का भव्य आयोजन मंदिर में किया गया है. भगवान श्रीकृष्ण को टोकरी में ले जाते वासुदेव की मूर्ति लोगों में आकर्षण का केंद्र बना है. मालूम हो कि झूलन यात्रा भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. जो सावन महीने में मनाया जाता है.
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