शिक्षक संघ समन्वय समिति गुमला ने प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति की मांग को लेकर सांसद को सौंपा पत्र
गुमला.
गुमला जिले के प्रारंभिक शिक्षकों का अपमान करने के विरोध में शिक्षक संघ समन्वय समिति गुमला जिला द्वारा 20 से 22 अगस्त तक अनशन किया जायेगा. इसके बाद 27 अगस्त से आमरण अनशन किया जायेगा. संघ का एक प्रतिनिधिमंडल ने सांसद सुखदेव भगत से मुलाकात कर जिले में प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति से संबंधित मांग पत्र सौंपा है. शिक्षकों ने बताया कि बीते 28 वर्षों से प्रारंभिक शिक्षकों को प्रोन्नति से वंचित रखा गया है. वर्तमान में स्थिति यह है कि जिला शिक्षा अधीक्षक गुमला द्वारा बीते आठ जून 2024 को मास्टर वरीयता सूची का प्रकाशन किया गया था. इसमें दावा आपत्ति करने के लिए 15 दिनों का समय निर्धारित किया गया था, जो नियमत: 24 जून 2024 को समाप्त हो गया है. इसके बाद शिक्षक संघों द्वारा बार-बार दावा-आपत्ति करने के लिए समय देने का अनुरोध किया जाता रहा. परंतु जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा टाल-मटोल किया जाता रहा है. इसके बाद जब कुछ शिक्षक प्रारंभिक शिक्षकों के प्रोन्नति से संबंधित अग्रेत्तर कार्रवाई के संदर्भ में जिला शिक्षा अधीक्षक से बात करने पहुंचे, तो जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा शिक्षकों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया, जो निंदा का विषय है. इसके विरोध में शिक्षक संघ द्वारा बीते 17 अगस्त को एकदिवसीय सांकेतिक धरना दिया गया है. अब 20 अगस्त से 22 अगस्त तक अनशन किया जायेगा. इसके बाद 27 अगस्त से आमरण अनशन करना निश्चत किया गया है. शिक्षकों ने सांसद से प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति से संबंधित मामले पर सकारात्मक पहल करने की मांग की. शिक्षकों की बात सुनने के बाद सांसद ने शिक्षकों की प्रोन्नति की लंबित मांगों को गंभीरता से लिया गया है. सांसद ने कहा है कि प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति की मांग वैधानिक है. सरकार भी शिक्षकों के विधि-सम्मत मांगों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. सांसद से मुलाकात करने वालों में जिलाध्यक्ष निरंजन कुमार, रामचंद्र खेरवार, सदस्य प्रताप जायसवाल, सुनील कुमार, जीवन नाथ तिवारी, मंगलेश्वर उरांव आदि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है