नवीनगर. रामचरित मानस एक कालजयी ग्रंथ है, जिसकी प्रासंगिकता हर काल में रहेगी. ये बातें गजना धाम न्यास समिति के तत्वावधान में आयोजित तुलसी जयंती समारोह में वक्ताओं ने कहीं. समारोह गजना धाम परिसर में महंत अवध बिहारी दास की अध्यक्षता में संपन्न हुई. धाम के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि समुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर और गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर समारोह का उद्घाटन किया गया. तत्पश्चात न्यास समिति के सदस्य अरुण मेहता, अरविंद कुमार सिंह व कर्मदेव राम ने अतिथियों का स्वागत किया. स्वागत भाषण न्यास समिति सदस्य और कार्यक्रम संयोजक भृगुनाथ सिंह ने दिया. इसके बाद तीन तीन ग्रुपों में स्कूली छात्राओं के बीच रामचरितमानस आधारित क्विज और भजन का कार्यक्रम हुआ, जिसमें दर्जनों विद्यालयों के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. वर्तमान में रामचरितमानस की प्राथमिकता विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन हुआ. संगोष्ठी का विषय प्रवेश महाराणा प्रताप काॅलेज देव के प्राध्यापक रामजीत कुमार सिंह ने कराया. मुख्य अतिथि ज्योतिषविद शिवनारायण सिंह, प्रो दिनेश प्रसाद, प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ सुमन लता, जनेश्वर विकास केंद्र के केंद्रीय अध्यक्ष रामजी सिंह, साहित्य संवाद के अध्यक्ष लालदेव प्रसाद, पूर्व मुखिया व भाजपा नेता रामप्रवेश सिंह व कर्नल संजय सिंह ने कहा कि रामचरितमानस में संबंधों को आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया गया है. यदि आज के लोग इसका अनुकरण करेंगे तो पुन: इस देश में रामराज की स्थापना संभव है. पूर्व बीइओ सुमन अग्रवाल, भाजपा नेता अशोक सिंह, सीवी रमन सिंह, श्याम बिहारी सिंह, मुखिया आमोद चंद्रवंशी, पूर्व मुखिया संजय कुमार सिंह, शंकर प्रसाद, राजकुमार रजक ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास कालजयी कवि थे तथा उनकी रचना भी कालजयी हैं. इसका महत्व हर काल और समय में बना रहेगा. कार्यक्रम को रामजीत शर्मा, सुनील बोस, पंचदेव धाम महोत्सव के संजय सिंह, शिवकुमार सिंह सत्यचंडी महोत्सव अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, भुनेस सिंह, कामेश्वर कुशवाहा, समाजसेवी सुरेंद्र सिंह, उर्मिला देवी आदि ने भी संबोधित किया. उपस्थित सभी लोगों को तुलसीदास लिखित पुस्तक विनय पत्रिका देकर सम्मानित किया गया और प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र के साथ किताब देकर पुरस्कृत किया गया. समारोह में चन्द्रदीप सिंह, रमेश गौतम, शैलेंद्र सिंह, सरपंच धनंजय तिवारी, डब्लू तिवारी, रामजन्म सिंह आदि लोग माैजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम सह संयोजक विंध्याचल सिंह ने की.
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