बेंगाबाद.
ओझाडीह पंचायत के अरतोका गांव की वनभूमि पर अवैध तरीके से पत्थर उत्खनन के मामले को डीएफओ ने गंभीरता से लिया है. वन भूमि पर अवैध उत्खनन करने वाले पांच लोगों को चिह्नित करते हुए केस दर्ज किया गया है. वहीं, धंधे में संलिप्त अन्य धंधेबाजों की पहचान कर कार्रवाई में विभाग जुटी हुई है. वन विभाग की कार्रवाई से अवैध धंधेबाजों, उनको संरक्षण देने वाले वन व खनन विभाग के कर्मियों में हड़कंप मच गया है. डीएफओ मनीष तिवारी के अनुसार जांच अभी जारी है.इन लोगों पर हुई है प्राथमिकी
अरतोका गांव के मो इस्माईल अंसारी, नसरूद्दीन अंसारी, मो हलीम अंसारी और कोडरमा के तिलक भोक्ता और दीपू भोक्ता के खिलाफ वन विभाग ने केस दर्ज कराया है. बताया जाता है कि अवैध उत्खनन का मुख्य सरगना दीपू भोक्ता है जो कोडरमा के डोमचांच से विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति कर अरतोका में प्रयोग करता है. इस धंधे में शामिल कई अन्य लोग भी है जिनकी छानबीन में वन विभाग जुटी हुई है. बताया जाता है कि केस दर्ज होने के बाद से अवैध धंधेबाज सेटिंग करने के लिए पूर्व से संपर्क में रहे. वन विभाग के बीट प्रभारी व खनन विभाग के अधिकारी का सहारा ले रहे हैं. यहां पर वर्षों से अवैध तरीके से पत्थर का उत्खनन कर कई फीट गहरी खदान बनाकर वन्य संपदा को भारी नुकसान पहुंचाया है. लंबे समय से धंधा चलने के बाद भी संबंधित बीट प्रभारी की नजर इस दिशा में नहीं पड़ना, उनकी संलिप्तता को दर्शाता है. हालांकि, केस दर्ज होने के बाद अवैध धंधेबाजों की नींद उड़ी हुई है.
अवैध क्रशर संचालकों में भी भय का माहौल
डीएफओ की इस कार्रवाई से क्षेत्र में उक्त खदान से पत्थर लेकर अवैध क्रशर संचालित करने वालों में भय का माहौल है. वर्षों से बेंगाबाद क्षेत्र में कई अवैध क्रशर संचालित हैं, जिनके पास कोई दस्तावेज नहीं है. बिना अनुमति के पत्थर का भी भंडारण कर क्रशर का संचालन पर विभागीय चुप्पी सवाल खड़ा कर रही है. फिलहाल वनविभाग के कर्मी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है