Madhubani News : जल संकट गहरा गया है. शहर के बाद अब ग्रामीण क्षेत्र के लेाग भी पेयजल समस्या से जूझने लगा है. भूजल स्तर में हो रहे गिरावट के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पानी को लेकर लोग परेशान हो रहे हैं. कई प्रखंड में भूजल स्तर में 28 फूट से नीचे चला गया है. जिस कारण साधारण चापाकल पानी देना पूरी तरह से बंद कर दिया है. पानी का लेयर ग्रामीण क्षेत्रों में भी बहुत तेजी से नीचे हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में भी इस बार सामान्य भूजल 18 फुट से 28 फुट तक चला गया है. बताया जा रहा है कि यह बीते साल की तुलना में पांच फुट नीचे है.
Madhubani News : किस प्रखंड में कितना है भूजल स्तर
पीएचइडी विभाग द्वारा 16 अगस्त को किए गए मापी के अनुसार प्रखंड बार भूजल स्तर, मधवापुर 21 फुट, हरलाखी 19.7 फुट, बासोपट्टी 17.6 फुट, जयनगर 19 फुट 5 इंच, बेनीपट्टी 19 फुट, बिस्फी 18 फुट 9 इंच,खजौली 16 फुट,कलुआही 17.9 फुट,रहिका 25 फुट,पंडौल 28 फुट 2 इंच, राजनगर 19 फुट 9 इंच. सहायक अभियंता श्रीवास्तव ने कहा कि ये भूजल स्तर प्रखंड में एक जगह पर लिए गए मापी के आधार पर है. लेकिन कई प्रखंड में भूजल 28 फुट तक नीचे हो गया है. इसमें पंडौल प्रखंड के भूजल स्तर 28 फूट से भी नीचे हो जाने के कारण प्रखंड क्षेत्र के राजेग्राम, बाबा चौक,सरिसब पाही, गंगोली, इसहपुर,विठ्ठो में भूजल स्तर बहुत नीचे होने के कारण इस सब जगह पर साधारण चापाकल दिन में पानी देना बंद कर दिया है. इसी रहिका प्रखंड के सामान्य भूजल 25 फुट दर्ज किया गया है. लेकिन प्रखंड क्षेत्र के सिंघीनिया चौक, शंकर चौक,भौअरा, बर्दीवन इलाके में भूजल 32 फुट से भी नीचे चला गया है.
नल जल को किया जा रहा दुरूस्त
शहर में कई जगह भूजल 38 फूट तक नीचे चले जाने के कारण शहर में पानी की समस्या और बढ़ गया है.सहायक अभियंता श्रीवास्तव ने खा कि नलजल योजना के तहत संचालित मोटर को सभी जगह दुरुस्त कर लोगो को पीने के पानी मिले इसको लेकर विभाग लगातार प्रयास कर रही है. अगर किसी पंचायत में खराबी हो जाता है तो वहां तत्काल मिस्त्री के टीम को भेजकर दुरुस्त कराया जाता है. अगर दो दिन में बारिश नहीं होगा तो पंडौल प्रखंड में टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा. ताकि लोगों को पीने की पानी का परेशानी नहीं हो जाय. विभाग 20 हजार लीटर का चार टैंकर का सफाई करवाकर पानी देने के लिए तैयार कर लिया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
पीएचईडी विभाग के सहायक अभियंता गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि कई प्रखंड में पिछले साल के अपेक्षा इस साल भूजल स्तर 5 फुट ज्यादा नीचे चला गया है. ग्रामीण क्षेत्रो में भी इस साल कई जगह भूजल 28 फुट तक दर्ज किया गया है. यह सही नहीं है. इसका मुख्य कारण औसत से कम बारिश होना है.
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