विद्यापतिनगर: सावन माह की अंतिम सोमवारी और रक्षाबंधन त्योहार पर विद्यापतिधाम उगना मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने भक्त भगवान का जलाभिषेक किया. इस दौरान भक्तों का अंबार लग गया. जलाभिषेक को आये श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे मंदिर परिसर छोटा पड़ गया. जहां तिल रखने की जगह नहीं दिखाई दी. शायद श्रद्धालुओं ने पूर्व में ही मन में आखिरी सोमवारी पर जलाभिषेक का मन बना लिया था. भीड़ के आगे कतारबद्ध व्यवस्था चरमरा गयी. इससे महिला श्रद्धालु को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. हरहर महादेव के जयघोष के साथ भोलेनाथ पर जल चढ़ाने को शिव भक्त आतुर दिखे. आखिरी सोमवारी पर विद्यापतिधाम में आस्था का सैलाव का विहंगम दृश्य देखा गया. गंगा जल ले लिए रविवार की रात्रि से ही विद्यापतिधाम के पार्श्व अवस्थित चमथा गंगा के तट के रास्ते श्रद्धालुओं से पटा रहा. रविवार की देर रात्रि से ही श्रद्धालु गंगाजल के साथ उगना महादेव शिवालय पहुंच भोलेनाथ के जलाभिषेक में तल्लीन दिखे. गंगातट से मंदिर के सभी रास्ते हरहर महादेव बोलबम से गुंजायमान रहे. हजारों श्रद्धालुओं ने देवाधिदेव के प्रिय गंगा जल के साथ बेलपत्र,फूल,धूप से भोलेनाथ का अभिषेक किया. विद्यापतिधाम में जलाभिषेक को लेकर इससे सबद्ध रेलमार्ग व सड़कें श्रद्धालुओं से भरा रहा. श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर सड़कों पर बेरिकेटिंग कर वाहनों के आवाजाही पर रोक लगा दिया गया था. इससे सुगमता पूर्वक श्रद्धालु उगना मंदिर पहुंच जलाभिषेक कर साधना पूरी की. भक्तों के लिए मंदिर परिसर में पूजा की सामग्री के साथ पण्डे पुरोहित देखे गए. तांबे, पीतल, मिट्टी के जलपात्र, गंगाजल, बेलपत्र, पुप्ष, कपूर आदि सहजता से उपलब्ध कराने के लिए पूजा स्टॉल लगाए गए थे. सोमवारी व्रत को लेकर क्षेत्र के गंगा नदी घाट श्रद्धालुओं से शोभायमान रहा. शिवभक्तों की भीड़ गंगा नदी के चमथा,झमतिया,अयोध्याघाट, पतसिया आदि घाटों पर रहा. श्रद्धालुओं ने इन गंगा तट पर स्नान पूजा के साथ गंगा जल का उठाव किया.
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