गोपालगंज. सावन की अंतिम सोमवारी को जिले के सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही, यह भीड़ अन्य सोमवारी से अधिक रही. सुबह पांच बजे से ही कतार में खड़े होकर भक्त बाबा के दर्शन को उत्सुक रहे. सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूर, अक्षत, चंदन, पुष्प तथा धूप– दीप, दूध, दही, घी, मधु से महादेव का अभिषेक किया. अभिषेक के बाद शुद्ध जल से बाबा को स्नान करने के बाद उनका प्रातः शृंगार किया गया. इसके बाद प्रातः आरती वंदना की गयी. प्रातः आरती वंदना के बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. मंगला आरती के बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, तो भक्तों की भीड़ बढ़ती चली गयी. सुबह से श्रद्धालु विशेष अनुष्ठान के साथ महादेव के जलाभिषेक के लिए कतारबद्ध हो अपनी बारी का इंतजार करते रहे. अधिकतर मंदिरों में अहले सुबह से भक्त पहुंचकर अंतिम सोमवारी के अद्भुत संयोग में अनुष्ठान करते-कराते रहे. शहर से लेकर गांव तक के मंदिरों में आस्था परवान पर रही. सबसे आकर्षण का केंद्र युवाओं, बच्चों व महिलाओं में चंदन लगाने वाला रहा. शहर से लेकर गांव तक की महिलाएं व्रत रखकर महादेव की आराधना करओ दिखीं. सोमवारी व्रत करने के साथ ही रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय अनुष्ठान भी चलता रहा. श्रावणी पूजा को लेकर गांवों में अनुष्ठान भी किया गया. शहर के प्रमुख मंदिरों के साथ ग्रामीण इलाके के प्रमुख शिव मंदिरों पर श्रद्धा, भक्ति व उपासना का संगम दिखा. सर्वाधिक भक्तों की भीड़ शहर के जनता सिनेमा रोड में स्थित बालखंडेश्वर महादेव मंदिर, जादोपुर रोड में स्थित शिव मंदिर, पुलिस लाइन स्थित शिव मंदिर, अफसर कॉलोनी स्थित चंद्रमौलिश्वर महादेव, थावे रोड स्थित हलखोरी साह के तालाब के पास ऐतिहासिक शिव मंदिर, बंजारी, बसडीला, मशानथाना में महादेव मंदिर , कुचायकोट के भठवां शिव मंदिर, कुचायकोट में ऐतिहासिक शिव मंदिर अमवां विजयपुर स्थित बाबा विजयनाथ महादेव मंदिर, रमजीता स्थित कर्तानाथ रामेश्वरनाथ महादेव मंदिर, ऐतिहासिक शिव मंदिर बंगरा, बथना, पहाड़पुर, बलिवन सागर, शाहपुर पकड़ीयार, गरेयाखाल के भुवनेश्वरनाथ मंदिर, भोरे के लच्छीचक में महाभारत कालीन राजा भूरिश्रवा के द्वारा स्थापित महादेव मंदिर, कटेया के गौरा, घुर्नाकुंड, फुलवरिया के ऐतिहासिक कोयला देवा महादेव मंदिर, हथुआ के बउरहवां बाबा, इटवा धाम में महादेव मंदिर, मांझा के ऐतिहासिक शिव मंदिर उदंत राय के बंगरा गांव में स्थित महादेव मंदिर, कोईनी स्थित शिव मंदिर, सिधवलिया के शेर स्थित महादेव मंदिर, डुमरिया में प्राचीनतम महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था.
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