संवाददाता, पटना शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में टीआरइ वन एवं टू की नियुक्तियों के होने के बाद रिक्त विद्यालय अध्यापकों की संख्या और बैकलॉग की गणना करते हुए टीआरइ थ्री के लिए आवश्यक आरक्षण समाशोधन (रोस्टर क्लियरेंस) तीन दिनाें यानी 22 अगस्त तक भेजें. रोस्टर क्लियरेंस जिला अधिकारियों से कराया जाना है. इसमें टीआरइी वन एवं टू के तहत उन रिक्तियों को भी जोड़ा जाना है, जिसे मंत्रिपरिषद की तरफ से विद्यालय अध्यापक के पद को प्रत्यावर्तित किया जा चुका है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक बैद्यनाथ यादव ने इस आशय की जानकारी सभी डीइओ से इ- मेल पर मांगी है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इससे पहले भेजे गये रोस्टर क्लियरेंस में तकनीकी खामी थी. जिलों ने बगैर बैकलॉग की गणना के रोस्टर क्लियरेंस करा भेजा गया था. उन सभी रोस्टर क्लियरेंस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने आपत्ति दर्ज करायी थी. इसके बाद एक बार फिर जिलावार और विषयवार रोस्टर क्लियरेंस करा कर भेजा. माध्यमिक निदेशक ने एक कोर्ट केस का हवाला देते हुए चिट्ठी में लिखा है कि टीआरइ थ्री के तहत दोनों बार भेजी गयी रोस्टर पंजी निरस्त समझी जायेगी. डीइओ को विशेष प्रपत्र भी भेजा गया है, जिसमें जानकारी मांगी गयी है. रोस्टर क्लियरेंस 50% आरक्षण प्रावधान के अनुरूप बनाया जायेगा. तीसरे चरण में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में कुल 38 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की जानी है. पेरोल पोर्टल पर शत-प्रतिशत आंकड़े होने पर ही वेतन पटना. शिक्षा विभाग ने परंपरागत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के शतप्रतिशत आंकड़े वेतन भुगतान के लिए बनाये गये पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अविलंब अपलोड करवा दिये जाएं, ताकि जुलाई का वेतन भुगतान किया जा सके. सोमवार को यह पत्र शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने कुलपतियों को लिखा है. जानकारी के अनुसार संबंधित पोर्टल पर कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन के अलावा पारिवारिक पेंशन और अतिथि शिक्षकों से संबंधित डाटा अपलोड करने की सुविधा दी जा चुकी है. पेंशन, पारिवारिक पेंशन एवं अतिथि शिक्षकों से संबंधित डाटा के बल्क अपलोड की सुविधा भी दी गयी है. जानकारी के अनुसार 19 अगस्त की तिथि तक मगध विश्वविद्यालय की डाटा अपलोड करने की स्थिति सबसे असंतोषजनक है. हालांकि, जानकारों के अनुसार शत-प्रतिशत आंकड़े संभवत: किसी विश्वविद्यालय ने अपलोड नहीं किये हैं. फिलहाल विभाग ने साफ कर दिया है कि जब तक विश्वविद्यालय शत-प्रतिशत आंकड़े अपलोड नहीं करते हैं तब तक वेतनादि से जुड़ा अनुदान जारी नहीं किया जायेगा. विवि के कुलसचिवों को भी आशय की जानकारी दे दी गयी है. शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों के सभी तरह के कर्मियों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया में बदलाव लाने जा रहा है. अब वह विश्वविद्यालयों को सभी तरह के कर्मियों को पोर्टल के जरिये वेतन और दूसरे भुगतान करेगा. विभाग चाहता है कि उसे जानकारी रहे कि विश्वविद्यालयों में कौन कितना वेतन पा रहा है.
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