न्यायालय संवाददाता, पटना: नीट यूजी पेपर लीक मामले में पटना के एक विशेष कोर्ट ने जहां एक ओर एक अभियुक्त की रिमांड अवधि चार दिनों के लिए बढ़ा दी, वहीं दूसरी ओर एक अभियुक्त को हिरासती पूछताछ के बाद वापस जेल भेज दिया. साथ ही एक व्यक्ति की आत्मसमर्पण याचिका अपोषणीय हो गयी. सीबीआइ की विशेष अदालत के प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी कुमार रितेश की अदालत में सोमवार को धनबाद के अमित कुमार सिंह को सीबीआइ ने आठ दिनों की पूछताछ के बाद पेश किया और आगे पूछताछ के लिए रिमांड अवधि बढ़ाये जाने की प्रार्थना की, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने उसकी रिमांड अवधि चार दिनों के लिए बढ़ा दी. वहीं, चेन्नई मेडिकल कॉलेज के छात्र अमित कुमार को हिरासती पूछताछ के बाद सीबीआइ ने विशेष अदालत के समक्ष पेश किया, जहां से उसे वापस न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
39 अभियुक्तों की हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी :
सोमवार को जेल में बंद 39 अभियुक्तों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अदालत में पेशी हुई, जिसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी गयी. इस बीच पटना के सुल्तानगंज थाने के महेंद्रू के गुलबीघाट निवासी संजय कुमार ने कोर्ट में आत्मसमर्पण याचिका दाखिल कर न्यायिक हिरासत में लिए जाने की प्रार्थना की. आवेदन में कहा गया कि सीबीआइ ने उसके घर की तलाशी ली है और उस पर आत्मसमर्पण करने का दबाव बना रही है. जवाब में सीबीआइ ने कहा कि अभी तक यह व्यक्ति इस मामले में वांछित नहीं है, इसलिए उसकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इसके बाद संजय कुमार के वकील ने दाखिल की गयी याचिका को संचालित नहीं किया. इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सीबीआइ इस मामले में एक जुलाई को 13 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. अनुसंधान अभी जारी है. वर्तमान में 40 अभियुक्त जेल में बंद हैं. एक अभियुक्त से सीबीआइ हिरासती पूछताछ कर रही है, जबकि तीन अभियुक्त जमानत पर मुक्त हो चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है