दुर्गापुर. दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के दुर्गापुर थर्मल पावर स्टेशन (डीटीपीएस) में 800 मेगावाट बिजली उत्पादन केंद्र शुरू होने वाला है. यूनिट खोलने को लेकर डीवीसी द्वारा डीटीपीएस की चारों ओर घेराबंदी कर दीवार निर्माण किया जा रहा है. डीवीसी द्वारा कई दशकों से बस्ती बनाकर रहने वाले लोगों को जमीन खाली करने का निर्देश कई महीने पहले ही जारी किया गया है. लेकिन बस्तीवासी पहले पुनर्वास दिये जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. मंगलवार को निर्माण कार्य का जायजा लेने डीवीसी के चेयरमैन एस सुरेश दुर्गापुर पहुंचे. जहां उन्होंने डीटीपीएस के विभिन्न इलाकों का दौरा कर घेराबंदी कार्य का निरीक्षण किया और विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. विभागीय अधिकारियों में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एके दुबे, के बनर्जी, महेश के सिंह, आर रंजन, डीके सिंह, एसएन दत्त, केपी सिंह, संजय प्रियदर्शनी, कौशिक बनर्जी सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
चेयरमैन के दौरे के दौरान स्थानीय बस्तीवासियों ने पुनर्वास की मांग पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. जिससे इलाके में कुछ देर के लिए उत्तेजना फैल गयी. प्रदर्शन कर रहे तृणमूल नेता सिकंदर मल्लिक, वार्ड अध्यक्ष रामाशीष चौधरी ने बताया कि डीटीपीएस में नयी यूनिट निर्माण से इलाके के लोग सहमत हैं. लेकिन गरीबों की बस्ती उजाड़कर प्लांट बनाना गलत है. प्रबंधन को बस्ती हटाने से पहले बस्ती के लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था करनी होगी. अन्यथा तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर दोबारा आंदोलन शुरू करेगी. आंदोलन होता देख चेयरमैन ने दुर्गापुर नगर प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या सुलझाने में सहयोग करने की बात कही. बैठक में दुर्गापुर के महकम शासक डॉ. सौरभ चटर्जी, दुर्गापुर नगर निगम के कमिश्नर एके आजाद, निगम प्रशासक मंडली सदस्य धर्मेंद्र यादव शामिल थे. चेयरमैन एस सुरेश ने कहा कि डीवीसी के पास बस्तीवासियों को पुनर्वास देने का कोई विकल्प नहीं है. डीवीसी वर्षो से छोड़ी हुई जमीन को अपने अधीन लेना चाहती है. प्लांट निर्माण के लिए जितनी जमीन की जरूरत पड़ेगी, डीवीसी उतनी ही जमीन लेगी.उन्होंने बताया कि नयी यूनिट का निर्माण कार्य इस वर्ष के दिसंबर या जनवरी माह में शुरू हो जायेगा. यूनिट निर्माण में करीब 520 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी. यूनिट निर्माण मे चार वर्षों का समय लगेगा. बस्ती के लोगों की पुनर्वास की मांग उचित नहीं है. दुर्गापुर में नयी यूनिट बनने से शहर का आर्थिक ढांचा बदल जायेगा. जिसका फायदा स्थानीय लोगों को मिलेगा. यूनिट बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. कुछ लोग राजनीतिक फायदा लेने के लिए बस्ती के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. बस्तीवासी को पुनर्वास देना संभव नहीं है.
सांसद ने चेयरमैन के वक्तव्य पर किया विरोध
पुनर्वास मुद्दे पर डीवीसी प्रबंधन और दुर्गापुर के सांसद कीर्ति आजाद के बीच मतविरोध देखा गया है. कीर्ति आजाद ने कहा कि पुनर्वास की व्यवस्था के लिए ढाई महीने पहले डीवीसी चेयरमैन को पत्र भेजा गया था. लेकिन अभी तक कोई जवाब नही मिला. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में पुनर्वास के कई विकल्प हैं. चेयरमैन अज्ञानता के कारण ऐसे वक्तव्य दे रहे हैं. बस्तीवासियों का आशियाना उजाड़कर डीवीसी प्लांट स्थापित नहीं कर सकती है.
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