संवाददाता, पटना.
बिजली आपूर्ति कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पर्याप्त बैलेंस बनाये रखने पर उपभोक्ताओं को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) द्वारा निर्धारित दर से अधिक ब्याज दे रही हैं. 20 केवी से कम स्वीकृत भार वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ता बिजली बिल के भुगतान के रूप में एकमुश्त जमा की गयी अपनी एडवांस रकम पर ब्याज प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए बिजली उपभोक्ताओं को अपने बिजली अकाउंट में न्यूनतम रकम 2000 रुपये रखना होगा. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने मंगलवार को बताया कि तीन महीने तक प्रतिदिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर में न्यूनतम 2000 रुपये रखने पर उपभोक्ताओं को रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 6.75% की दर से ब्याज प्राप्त होगा. लेकिन तीन महीने से छह महीने तक लगातार 2000 रुपये से अधिक बैलेंस रहने पर उपभोक्ताओं को रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज दर से 0.25% अतिरिक्त ब्याज दिया जा रहा है. यानी रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 6.75% ब्याज दर में अतिरिक्त 0.25% और जुटकर कुल ब्याज दर 7% हो जायेगा. इसी तरह छह महीने से अधिक की अवधि तक लगातार 2000 रुपये से अधिक बैलेंस रखने पर आरबीआइ द्वारा निर्धारित ब्याज दर के अतिरिक्त 0.50% अतिरिक्त ब्याज दिया जा रहा है. यानी 6.75% में अतिरिक्त 0.50% का इजाफा होकर ब्याज दर 7.25% हो जायेगा.
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी महेंद्र कुमार ने कहा कि इस योजना का लाभ अधिकाधिक उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. उपभोक्ताओं को सोशल मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से समझाया जा रहा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का आर्थिक रूप से लाभ कैसे उठाना है. यदि वे तीन या तीन से अधिक महीनों के लिए एकमुश्त 2000 रुपये से अधिक की राशि जमा करते हैं, तो उन्हें इसका लाभ बैंकों से भी अधिक ब्याज दर के रूप में प्राप्त होगा. गौरतलब है कि इस वर्ष अप्रैल महीने से लागू की गई इस योजना से जुलाई तक साउथ बिहार के 1142 ग्रामीण उपभोक्ताओं को ब्याज के रूप में दो लाख रुपये मिल चुके हैं. इन उपभोक्ताओं ने लगातार तीन महीने तक अपने प्रीपेड स्मार्ट मीटर में 2000 रुपये बैलेंस मेंटेन किया था.
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