Jharkhand Tourism: अपने प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध झारखंड राज्य में अनेकों दर्शनीय धार्मिक स्थल है. पहाड़ी मंदिर, मलूटी मंदिर, नौलखा मंदिर, ध्वजाधारी धाम, बासुकीनाथ धाम, बैद्यनाथ धाम, जगन्नाथ मंदिर सहित अनगिनत प्राचीन मंदिर झारखंड के धार्मिक वैभव को दर्शाते हैं. अगर आप भी झारखंड के प्राचीन मंदिरों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो ये मंदिर रहेंगे आपके लिए खास:
मां छिन्नमस्तिका मंदिर, रजरप्पा
झारखंड के रामगढ़ के रजरप्पा में स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर में स्थापित है देवी मां की अनूठी और रहस्यमय मूर्ति. यह प्राचीन मंदिर एक देवी शक्तिपीठ है, जहां माता की सिर कटी मूर्ति की पूजा होती है. करीब 6000 साल पुराने मां छिन्नमस्तिका मंदिर के दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्त रजरप्पा पहुंचते हैं. दामोदर और भैरवी नदी के तट पर स्थित रजरप्पा मंदिर तंत्र साधना के लिए भी प्रसिद्ध है.
रजरप्पा मंदिर में पूजी जाने वाली मां छिन्नमस्तिका की प्रतिमा में मां का सिर कटा हुआ है. माता के कटे गले से तीन धाराओं में रक्त निकल रहा है. माता का कटा सिर उनके हाथ में ही मौजूद है. रजरप्पा में स्थापित देवी मां का यह रूप अद्भुत और रहस्यमय है. श्रद्धालु देश के कोने-कोने से माता के दर्शन करने रामगढ़ आते हैं. झारखंड के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है मां छिन्नमस्तिका मंदिर.
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देवड़ी मंदिर, तमाड़
झारखंड की राजधानी रांची से कुछ दूर तमाड़ में स्थित देवड़ी मंदिर, राज्य में मौजूद श्रद्धा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. झारखंड में मौजूद देवड़ी मंदिर मां दुर्गा को समर्पित प्राचीन मंदिर है, जिसमें श्रद्धालु माता की 16 भुजी प्रतिमा की आराधना करते हैं. इस मंदिर में स्थापित मां दुर्गा की मूर्ति लगभग 700 वर्ष पुरानी है. अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए मशहूर देवड़ी मंदिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी का इस मंदिर से विशेष लगाव है. भक्तों को विश्वास है कि इस मंदिर में दर्शन करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है और देवी मां भक्तों के सारे कष्ट हर लेती हैं. देवड़ी मंदिर राज्य के प्रमुख धार्मिक केंद्रों में शामिल है.
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सूर्य मंदिर, बुंडू
राजधानी रांची से करीब 40 किलोमीटर दूर रांची टाटा मार्ग पर मौजूद सूर्य मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है. बुंडू क्षेत्र में स्थित सूर्य मंदिर में भगवान राम ने अपने कुल देवता की आराधना की थी. अपने मनोरम स्थापत्य कला और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के प्रति हिंदुओं में अपार श्रद्धा है.
सूर्य मंदिर की संरचना भगवान सूर्य के सात घोड़े वाले विशाल रथ के रूप में की गई है. इस मंदिर में छठ पूजा का विशेष महत्व है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान सूर्य के दर्शन करने बुंडू पहुंचते हैं. यहां वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ने सूर्य देव, जो उनके कुलदेव थे, उनकी आराधना की थी. सूर्य मंदिर झारखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल है.
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